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खेलों के माध्यम से विद्यार्थियों का विकास होता है - श्रीराम आरावकर विद्या भारती द्वारा राष्ट्रीय शतरंज प्रतियोगिता गुवाहाटी में आयोजित

Sentinel Digital Desk

विद्या भारती द्वारा 33 वीं राष्ट्रीय शतरंज प्रतियोगिता का आयोजन गुवाहाटी में किया गया। इस प्रतियोगिता में देशभर से 214 प्रतिभागियों ने भाग लिया। राष्ट्रीय शतरंज प्रतियोगिता का आयोजन शिशु शिक्षा समिति असम द्वारा संचालित विद्या भारती बहुमुखी शैक्षिक प्रकल्प, हाजोंगबड़ी, चंद्रपुर में किया गया। 3 व 4 दिसम्बर को आयोजित समारोह के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि हॉकी इण्डिया के कोषाध्यक्ष तपन दास, विशिष्ट अतिथि क्रीड़ा एवं युवा कल्याण परिषद् के सह सचिव शौर्य शर्मा, मुख्य वक्ता विद्या भारती के अखिल भारतीय सह संगठन मंत्री श्रीराम आरावकर उपस्थित रहे। उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता विद्या भारती पूर्वोत्तर क्षेत्र के मंत्री डॉ. जगदीन्द्र रॉय चौधुरी ने की।

विद्या भारती द्वारा विद्यालय स्तर से लेकर संकुल, जिला, विभाग, प्रान्त, क्षेत्र व राष्ट्रीय स्तर तक विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। श्रीराम आरावकर ने अपने उद्बोधन में बताया विद्या भारती स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ़ इंडिया से मान्यता प्राप्त है और निष्पक्ष खेल पुरस्कार व श्रेष्ठ अनुशासन पुरस्कार भी प्राप्त हुआ है। उन्होंने बताया विद्या भारती के विद्यालयों में 35 लाख विद्यार्थी अध्ययनरत हैं जिनमें से 2 लाख विद्यार्थी विभिन्न स्तर पर खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं। विद्या भारती विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास की बात करती है, सच्ची खेल भावना के साथ खिलाडियों को खेलने हेतु प्रेरित करती है।

मुख्य अतिथि तपन शर्मा ने कहा क्रीड़ा जगत में देश को नेतृत्व देने वाले खिलाड़ी स्कूलों से होते हैं। स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ़ इंडिया द्वारा आयोजित प्रतियोगिताओं में भाग लेकर छात्र अपनी प्रतिभाओं को विश्व स्तर पर प्रदर्शित करते हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में खेलों को पाठ्यक्रम में सम्मिलित किया गया है। शौर्य शर्मा ने बच्चों का उत्साहवर्धन करते हुए बताया जीवन में आने वाली चुनौतियों को शतरंज के खेल की तरह अपनी अच्छी रणनीति बनाकर परास्त किया जा सकता है। अध्यक्षीय उद्बोधन प्रदान करते हुए डॉ. जगदीन्द्र रॉय चौधुरी ने असम में राष्ट्रीय शतरंज प्रतियोगिता के असम में आयोजन करने हेतु विद्या भारती को आभार व्यक्त किया। सौरभ गौतम ने खेल संयोजक एवं रंजीत सैकिया ने खेल अधिकारी के रूप में प्रतियोगिताओं का संचालन किया। देश भर से शतरंज के ख़िलाड़ी 2 दिसम्बर को गुवाहाटी पहुंचे। 

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