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केंद्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (सीआईटी), कोकराझार ने हाल ही में अपनी नई वार्षिक सांस्कृतिक पहल 'मायाबिनी' के पहले संस्करण की मेजबानी की। यह कार्यक्रम सीआईटी, कोकराझार के सांस्कृतिक क्लबों द्वारा शुरू और संयुक्त रूप से आयोजित किया गया था, और असम के दिल की धड़कन जुबीन गर्ग की विरासत को संरक्षित करने के लिए समर्पित था। संस्थान ने संगीत, कला और मानवता में उनके योगदान के सम्मान में हर साल इस श्रद्धांजलि को एक सांस्कृतिक परंपरा के रूप में मनाने का फैसला किया है।
उद्घाटन संस्करण में छात्रों, प्रोफेसरों और संस्थान के कर्मचारियों की उत्साहपूर्ण भागीदारी देखी गई, जिससे एक जीवंत और भावनात्मक माहौल तैयार हुआ। कार्यक्रम में जुबीन गर्ग की कलात्मक यात्रा से प्रेरित कई प्रकार के प्रदर्शन और प्रस्तुतियां शामिल थीं। प्रमुख खंडों में उनके गीतों पर आधारित संगीत प्रदर्शन, छात्रों और शिक्षकों द्वारा एकल और समूह गायन, और असमिया कला और संस्कृति पर आधारित कविता पाठ शामिल थे। उनकी विरासत पर एक छोटी असेंबल प्रस्तुति भी आयोजित की गई।
कार्यक्रम की शुरुआत स्वागत भाषण और औपचारिक दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई, इसके बाद विभिन्न विभागों के कलाकारों ने पुरानी यादें, गर्व और प्रशंसा जगाई। 'मायाबिनी' का एक भावपूर्ण गायन किया गया, जिसने दर्शकों को याद और सम्मान की गहरी भावना के साथ छोड़ दिया।
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