गुवाहाटी: आसू (ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन) ने सरकार से न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बिप्लब कुमार शर्मा की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट के आधार पर राज्य में निर्वाचन क्षेत्र परिसीमन अभ्यास करने का आग्रह किया है।गृह मंत्रालय (एमएचए) ने एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया।
आसू का आह्वान मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा द्वारा हाल ही में नई दिल्ली में इस बात का खुलासा करने के बाद हुआ कि राज्य सरकार ने केंद्र को असम में निर्वाचन क्षेत्र के परिसीमन की कवायद को आगे बढ़ाने के लिए अपनी मंजूरी दे दी है।
आसू अध्यक्ष दीपंका कुमार नाथ और महासचिव शंकर ज्योति बरुआ द्वारा संयुक्त रूप से जारी एक बयान में कहा गया है, "एमएचए द्वारा गठित उच्च-स्तरीय समिति में असम समझौते के खंड VI के कार्यान्वयन के लिए सिफारिशें हैं।रिपोर्ट में असम के मूल निवासियों के लिए संवैधानिक सुरक्षा उपायों की सिफारिशें हैं।चूंकि अवैध प्रवास ने राज्य के स्वदेशी लोगों के लिए खतरा पैदा कर दिया है, इसलिए उनके संवैधानिक सुरक्षा उपाय जरूरी हैं।चूंकि राजनीतिक अधिकार सबसे महत्वपूर्ण हैं, इसलिए उच्च स्तरीय समिति के पास कुछ निर्वाचन क्षेत्र परिसीमन-विशिष्ट सिफारिशें हैं।"
बयान में आगे कहा गया है, "असम समझौते का खंड VI असमियों के लिए आवश्यक संवैधानिक सुरक्षा उपायों को बताता है।चूंकि आसू असम समझौते के हस्ताक्षरकर्ताओं में से एक है, इसलिए हम अपनी जिम्मेदारी निभाएंगे।हम चाहते हैं कि केंद्र सरकार और भारत का चुनाव आयोग असम के मूल निवासियों के लिए संवैधानिक सुरक्षा सुनिश्चित करे।"