स्टाफ रिपोर्टर
गुवाहाटी: असम जातीयतावादी युवा छात्र परिषद (एजेवाईसीपी) ने गुरुवार को न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) सौमित्र सैकिया की अध्यक्षता वाले एक सदस्यीय न्यायिक आयोग के समक्ष एक हलफनामा पेश किया। यह आयोग संगीत जगत की जानी-मानी हस्ती जुबीन गर्ग की रहस्यमयी और अप्राकृतिक मौत की जाँच और उसमें तेजी लाने के लिए गठित किया गया था। संगठन की ओर से यह हलफनामा आयोग के सहायक महासचिव प्राग्ज्योतिष बनिया ने खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड परिसर स्थित आयोग के कार्यालय में पेश किया।
हलफनामे में कथित तौर पर कई अहम सवाल उठाए गए हैं, जिनमें यह भी शामिल है कि क्या श्यामकानु महंत या सिद्धार्थ शर्मा ने ज़ुबीन गर्ग की कमाई से आय से अधिक संपत्ति अर्जित की, और क्या सिंगापुर के सभी स्थानीय गवाहों और ठोस सबूतों को जाँच के दायरे में लाया गया है। इसमें यह भी सवाल उठाया गया है कि सिंगापुर उच्चायोग को देशव्यापी जाँच प्रक्रिया में कैसे शामिल किया गया है। एजेवाईसीपी के प्रतिनिधियों ने संकेत दिया कि हलफनामे में कई और महत्वपूर्ण बिंदुओं का उल्लेख किया गया है।
यह भी पढ़ें: ज़ुबीन मौत मामला: 7 आरोपियों की न्यायिक हिरासत बढ़ी