गुवाहाटी शहर

असम सरकार : ओपीएस की माँग को लेकर कर्मचारियों ने 27 नवंबर को की हड़ताल की घोषणा

असम के सरकारी कर्मचारियों ने सभी राज्य सरकारी कर्मचारियों के लिए ओपीएस की बहाली के माध्यम से वित्तीय सुरक्षा और सम्मान की माँग करते हुए 27 नवंबर को राज्यव्यापी हड़ताल की घोषणा की है।

Sentinel Digital Desk

स्टाफ रिपोर्टर

गुवाहाटी: असम के सरकारी कर्मचारियों ने सभी राज्य कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन प्रणाली (ओपीएस) की बहाली के माध्यम से वित्तीय सुरक्षा और सम्मान की माँग करते हुए 27 नवंबर को राज्यव्यापी हड़ताल की घोषणा की है। सरकारी कर्मचारियों और शिक्षक संगठनों के संयुक्त मंच ने अखिल असम सरकारी एनपीएस कर्मचारी संघ के साथ मिलकर हड़ताल का आह्वान किया है।

एक संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति में एसोसिएशन के अध्यक्ष अच्युतानंद हज़ारिका और महासचिव अपूर्व शर्मा ने असम सरकार द्वारा राज्य में एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) को "केन्द्र सरकार के मॉडल में कोई बदलाव किए बिना" लागू करने के निर्णय पर निराशा व्यक्त की।

बयान में कहा गया है कि 16 जून को मुख्यमंत्री के साथ चर्चा के बाद, कर्मचारियों को अपनी ओपीएस माँग के संबंध में सकारात्मक परिणाम की उम्मीद थी। हालाँकि, यूपीएस को अपनाने के हालिया कैबिनेट के फैसले को कर्मचारी समुदाय ने "विश्वासघात" करार दिया है।

बयान में कहा गया है, "एनपीएस योजना ने कर्मचारियों को एक भयावह भविष्य की ओर धकेल दिया है। यूपीएस, एनपीएस का ही दूसरा नाम है। सरकार की ज़िम्मेदारी के बिना, कर्मचारियों की पेंशन प्रणाली कभी भी सुरक्षित नहीं मानी जा सकती।"

संयुक्त मंच ने घोषणा की कि शिक्षक, कर्मचारी और श्रमिक अपने विरोध प्रदर्शन के तहत 27 नवंबर को सभी सरकारी कार्यों से विरत रहेंगे। इसने असम सिविल सेवा, असम पुलिस सेवा और इंजीनियरिंग सेवा सहित सभी अधिकारी संघों से आंदोलन को मज़बूत करने में पूर्ण सहयोग देने का भी आग्रह किया।

नेताओं ने बयान में कहा, "हाँलाकि हम असम सरकार की ओर से लोगों की सेवा करते हैं, लेकिन सरकार को हमारी सेवानिवृत्ति की ज़िम्मेदारी लेनी चाहिए। हम अपना लोकतांत्रिक संघर्ष तब तक जारी रखेंगे जब तक सभी के लिए पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल नहीं हो जाती।"

इस हड़ताल में राज्य भर के सैकड़ों शिक्षक और कर्मचारी संगठनों के भाग लेने की उम्मीद है, जो हाल के वर्षों में असम सरकार के कर्मचारियों द्वारा किए गए सबसे बड़े समन्वित विरोध प्रदर्शनों में से एक होगा।