नौकरी

जोरहाट में नौकरियाँ: असम कृषि विश्वविद्यालय भर्ती 2025 - वरिष्ठ अनुसंधान फेलो (एसआरएफ) रिक्ति

असम कृषि विश्वविद्यालय (एएईयू) असम में सीनियर रिसर्च फेलो (एसआरएफ) के पदों के लिए भर्ती कर रहा है, नवीनतम एएईयू भर्ती 2025 के लिए अभी आवेदन करें।

Sentinel Digital Desk

असम कृषि विश्वविद्यालय (एएईयू जोरहाट) ने सीनियर रिसर्च फेलो (एसआरएफ) के पदों पर भर्ती के लिए जोरहाट में नवीनतम नौकरियों की अधिसूचना जारी की है। इच्छुक उम्मीदवार अंतिम तिथि से पहले आवेदन कर सकते हैं। असम कृषि विश्वविद्यालय की नवीनतम नौकरियों के बारे में अधिक जानकारी के लिए देखें।

असम कृषि विश्वविद्यालय (एएईयू भर्ती 2025)

असम कृषि विश्वविद्यालय, वरिष्ठ अनुसंधान अध्येता (एसआरएफ) के पद पर भर्ती के लिए योग्य उम्मीदवारों से आवेदन आमंत्रित कर रहा है। इच्छुक उम्मीदवार पदों की संख्या, आयु सीमा, वेतन, योग्यता आदि से संबंधित सभी विवरण नीचे देख सकते हैं:

नौकरी का परिचय

असम कृषि विश्वविद्यालय भर्ती 2025 के बारे में विवरण

पद का नाम: वरिष्ठ अनुसंधान अध्येता (एसआरएफ)

प्रकाशन तिथि: 17/11/2025

नियुक्ति संगठन: असम कृषि विश्वविद्यालय

नौकरी का स्थान: जोरहाट-असम

वैधता: (आवेदन की अंतिम तिथि: 05/12/2025)

रोजगार का प्रकार: पूर्णकालिक

पदों की संख्या: 1

नौकरी का स्थान: ऑनसाइट

मूल वेतन: रु. 37000/-

योग्यताएँ

कीट विज्ञान/पादप रोग विज्ञान/रेशम पालन में एम.एससी. (कृषि)

इस नौकरी के लिए आवेदन कैसे करें

उम्मीदवार विस्तृत बायोडेटा, प्रकाशन (थीसिस सहित),

पासपोर्ट साइज़ फ़ोटो, सभी प्रशंसापत्रों की मूल और सत्यापित प्रतियों के साथ साक्षात्कार में उपस्थित हो सकते हैं। आवेदकों को अपना बायोडेटा

ainp.sap@aau.ac.in पर पहले ही जमा करना होगा।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न: असम कृषि विश्वविद्यालय भर्ती के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि कब है?

उत्तर: असम कृषि विश्वविद्यालय भर्ती के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 05/12/2025 है।

प्रश्न: असम कृषि विश्वविद्यालय भर्ती के लिए रिक्त पदों की कुल संख्या कितनी है?

उत्तर: असम कृषि विश्वविद्यालय भर्ती के लिए रिक्त पदों की कुल संख्या 01 है।

नियुक्ति संगठन के बारे में

असम कृषि विश्वविद्यालय भारत के संपूर्ण पूर्वोत्तर क्षेत्र में अपनी तरह का पहला संस्थान है। इस संस्थान का मुख्य उद्देश्य कृषि क्षेत्र में विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी मानव संसाधन तैयार करना, उत्पादन अनुकूलन के लिए पारंपरिक और सीमांत दोनों क्षेत्रों में अनुसंधान करना, साथ ही इस क्षेत्र से जुड़े खाद्य उत्पादकों/उत्पादकों और व्यापारियों को लाभान्वित करने हेतु जनहित में विकसित तकनीकों का प्रसार करना है, साथ ही घरेलू स्तर पर स्थिरता, समानता और समग्र खाद्य सुरक्षा पर ज़ोर देना है।