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अरुणाचल के मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री ने जयंती पर दीनदयाल उपाध्याय को श्रद्धांजलि दी

मुख्यमंत्री पेमा खांडू और उपमुख्यमंत्री चौना मेन ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय को सम्मानित किया तथा उनके एकात्म मानववाद के दर्शन और हाशिए पर पड़े लोगों के उत्थान के प्रति समर्पण को याद किया।

Sentinel Digital Desk

हमारे संवाददाता

ईटानगर: अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू और उपमुख्यमंत्री चौना मेन ने गुरुवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके एकात्म मानववाद के चिरस्थायी दर्शन तथा समाज के अंतिम व्यक्ति के उत्थान के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को याद किया।

सोशल मीडिया पर खांडू ने उपाध्याय को एक "प्रखर विचारक, बेजोड़ आयोजक और शाश्वत पथप्रदर्शक" बताया, जिन्होंने मूल्यों और करुणा से प्रेरित राष्ट्र की नींव रखी।

खांडू ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "हमारा राष्ट्र अपनी आत्मा भारत माता से प्राप्त करता है। 'माता' के बिना, भारत केवल एक भूगोल, एक निर्जीव भूमि का विस्तार बनकर रह जाएगा।मुख्यमंत्री ने आगे कहा, "पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की जयंती पर, मैं उन्हें श्रद्धापूर्वक नमन करता हूँ, जिन्होंने हमें एकात्म मानववाद और अंत्योदय का दर्शन दिया और राष्ट्र निर्माण के पथ पर पीढ़ियों का मार्गदर्शन किया।"

मेन ने जनसंघ नेता को प्रेरणा स्रोत के रूप में भी याद किया, जिनके सिद्धांत आज भी भारत के विकास का मार्गदर्शन करते हैं। मेन ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "एकात्म मानवता और अंत्योदय का उनका दृष्टिकोण, एक ऐसे समाज की ओर हमारी यात्रा में एक मार्गदर्शक प्रकाश बना हुआ है जो प्रत्येक व्यक्ति का उत्थान करता है। आइए, एक आत्मनिर्भर, समावेशी और करुणामय भारत के लिए काम करके उनकी विरासत को आगे बढ़ाएँ।"

मथुरा में जन्मे पंडित दीनदयाल उपाध्याय भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राजनीतिक पूर्ववर्ती, भारतीय जनसंघ के एक प्रमुख संगठनात्मक नेता के रूप में प्रसिद्ध हुए। एकात्म मानववाद के उनके दर्शन ने व्यक्ति और समाज दोनों के समग्र विकास पर ज़ोर दिया, जिसके मूल में अंत्योदय, यानी अंतिम व्यक्ति का कल्याण था।

भाजपा सूत्रों ने बताया कि 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के उपलक्ष्य में चल रहे सेवा पखवाड़े के तहत, भाजपा ने उपाध्याय की जयंती मनाने के लिए कार्यक्रमों की योजना मज़बूत बनाई है। उन्होंने बताया कि इन पहलों में स्वदेशी भावना को मजबूत करने के अभियान के तहत भारतीय निर्मित उत्पादों को बढ़ावा देना भी शामिल है।