एक संवाददाता
गोलाघाट: रेंगमा रिजर्व फॉरेस्ट में बेदखली अभियान जारी है। असम वन विभाग ने गोलाघाट जिला प्रशासन और गोलाघाट पुलिस के साथ मिलकर असम-नागालैंड सीमा क्षेत्र में रेग्मा रिजर्व फॉरेस्ट से अवैध अतिक्रमण हटाने के लिए एक केंद्रित अभियान चलाया।
गुरुवार की कार्रवाई के दौरान पीठाघाट में कुल 180 और सोनारीबील में 98 अनधिकृत घरों को बेदखल किया गया। सभी संबंधित पक्षों को पूर्व सूचना दी गई थी और अधिकारियों ने पुष्टि की कि तोड़फोड़ के समय संरचनाओं के अंदर कोई भी व्यक्ति मौजूद नहीं था। पूरी प्रक्रिया पूरी संवेदनशीलता और निर्धारित सुरक्षा प्रोटोकॉल के अनुसार की गई ताकि मानवीय और शांतिपूर्ण कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।
विशेष मुख्य सचिव एम.के. यादव ने मीडिया से बात करते हुए पुष्टि की कि बेदखली अभियान सुचारू रूप से और बिना किसी घटना के चल रहा है। उन्होंने कहा कि चल रहे प्रयासों के तहत अब तक लगभग 250 हेक्टेयर आरक्षित वन भूमि का पुनर्ग्रहण किया जा चुका है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि व्यापक पारिस्थितिक पुनर्जनन पहल के तहत पुनर्ग्रहण की गई वन भूमि को उसके प्राकृतिक हरित आवरण में पुनः स्थापित किया जाएगा।
पुलिस महानिरीक्षक अखिलेश कुमार सिंह ने बताया कि इस अभियान में असम और नागालैंड की सरकारों और पुलिस बलों के बीच प्रभावी सहयोग देखने को मिल रहा है। गोलाघाट के ज़िला आयुक्त पुलक महंत ने ज़ोर देकर कहा कि आरक्षित वन क्षेत्रों में अतिक्रमणकारियों द्वारा की जाने वाली किसी भी अवैध गतिविधि को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और कानून के अनुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इस अभियान की निगरानी वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा की गई, जिनमें विशेष मुख्य सचिव एम.के. यादव, पुलिस महानिरीक्षक अखिलेश कुमार सिंह, असम के प्रधान मुख्य वन संरक्षक, गोलाघाट के जिला आयुक्त एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, तथा वरिष्ठ प्रशासनिक, वन एवं पुलिस अधिकारी शामिल थे। गोलाघाट पुलिस और 142 बटालियन सीआरपीएफ के जवानों ने नागालैंड की 7वीं एनएपी और भारतीय रिजर्व बटालियनों के साथ प्रभावी तालमेल बनाए रखा और सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए।
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