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केंद्र को 7वीं बार नागरिकता संशोधन अधिनियम नियम बनाने के लिए विस्तार मिला

Sentinel Digital Desk

नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के तहत नियमों को लागू करने के लिए छह और महीने के केंद्र के अनुरोध को राज्यसभा की समिति ने लगातार सातवीं बार स्वीकार कर लिया है।

गृह मंत्रालय (एमएचए) ने कहा कि अधिनियम के नियमों को तैयार करने के लिए और समय की आवश्यकता थी, जिसके बिना इसे लागू नहीं किया जा सकता था।

लोकसभा कमेटी के फैसले का अभी इंतजार है।

सूत्रों के मुताबिक, अधीनस्थ विधान पर संसदीय समिति ने राज्यसभा में 31 दिसंबर, 2022 तक और लोकसभा में 9 जनवरी, 2023 तक समय बढ़ाया था। सूत्रों ने कहा कि गृह मंत्रालय ने छह महीने का विस्तार मांगा था, जिस पर राज्यसभा की कमेटी ने इसे 30 जून तक के लिए बढ़ा दिया है।

पिछले साल नवंबर में एक कार्यक्रम में शिरकत करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि कोविड-19 महामारी के कारण अधिनियम को लागू करने में देरी हुई है।

उन्होंने कहा कि सीएए को लागू किया जाएगा और जो लोग सोचते हैं वे गलत साबित होंगे।

अधिनियम 11 दिसंबर, 2019 को संसद द्वारा पारित किया गया था, और अगले ही दिन राष्ट्रपति की सहमति प्राप्त हुई, जिसके बाद इसे एमएचए द्वारा अधिसूचित किया गया।

देश में इस कानून के विरोध में लगभग 83 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। गौरतलब है कि सीएए के जरिए केंद्र सरकार उन अवैध प्रवासियों को भारतीय नागरिकता देगी जो 31 दिसंबर 2014 से पहले या उसके बाद भारत में दाखिल हुए थे।

यह बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों सहित गैर-मुस्लिम समुदायों के प्रवासियों के लिए पारित किया गया था। (आईएएनएस)

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