अमरावती: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने रविवार को कहा कि भारतीय संविधान की वजह से ही एक 'चायवाला' प्रधानमंत्री बना है। आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय अधिवक्ता संघ द्वारा भारतीय संविधान के 75 वर्ष पूरे होने पर आयोजित एक सम्मेलन में उन्होंने कहा, "एक चायवाले के रूप में अपना जीवन शुरू करने वाले नरेंद्र मोदी आज प्रधानमंत्री हैं, इसका कारण भारतीय संविधान है।"
तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के अध्यक्ष ने नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की और कहा कि वह भारत को दुनिया में नंबर एक बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।
भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति बी. आर. गवई और आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश धीरज सिंह ठाकुर ने भी सम्मेलन को संबोधित किया।
मुख्यमंत्री नायडू ने बताया कि मुख्य न्यायाधीश गवई भी महाराष्ट्र के अमरावती से आते हैं।
मुख्य न्यायाधीश के पद पर रहते हुए भी विनम्र रहने के लिए न्यायमूर्ति गवई की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वह हमेशा समानता पर ज़ोर देते हैं।
उन्होंने कहा, "मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गवई एक नेकदिल इंसान हैं। उन्होंने अच्छे फैसले दिए हैं जिन्हें लोग याद रखेंगे।"
उन्होंने कहा, "मैं मुख्यमंत्री के रूप में, न्यायमूर्ति गवई मुख्य न्यायाधीश के रूप में और धीरज सिंह ठाकुर आंध्र प्रदेश के मुख्य न्यायाधीश के रूप में संविधान की बदौलत अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं।"
मुख्यमंत्री नायडू ने कहा कि सुधारों के बाद लोगों की मानसिकता बदल गई है।
उन्होंने कहा, "युवाओं की कमी के कारण कई देशों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन भारत में ऐसी कोई समस्या नहीं है। हमारे देश में अपार मानव संसाधन उपलब्ध हैं।"
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि 2047 तक भारतीय पूरी दुनिया में एक प्रभावशाली स्तर पर पहुँच जाएँगे।
न्यायपालिका के महत्व को रेखांकित करते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर समाज में गलतियाँ हैं, तो न्यायिक प्रणाली ही उन्हें सुधारती है और लोकतंत्र की रक्षा करती है। उन्होंने राष्ट्र को सर्वोपरि रखने का आह्वान करते हुए कहा, "सोशल मीडिया के आगमन के साथ, हर कोई संपादक बन रहा है। वे व्यक्तिगत हमलों का सहारा ले रहे हैं।"
उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति-एक वोट डॉ. बी. आर. अंबेडकर द्वारा दिया गया एक वरदान है। उन्होंने कहा, "कुछ देशों में मतदाताओं को समान अधिकार नहीं हैं। भारत एक ऐसा देश है जहाँ मताधिकार के मामले में अमीर-गरीब और लिंग के बीच कोई अंतर नहीं है।"
उन्होंने एक ऐसे समाज को आकार देने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया जहाँ सामाजिक समानता और आर्थिक समानता हो और कहा कि इस समानता को प्राप्त करने में सार्वजनिक नीतियाँ महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। उन्होंने आगे कहा, "इसलिए मैं एक स्वस्थ, समृद्ध और खुशहाल समाज बनाने की योजना बना रहा हूँ। मैं इसके लिए सभी से सहयोग चाहता हूँ।" (आईएएनएस)