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गुवाहाटी/धुबरी: ईद के बाद से अशांति का सामना कर रहे धुबरी जिले में व्यवस्था बहाल करने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने आज वहां की स्थिति की समीक्षा की और रात में शरारती तत्वों द्वारा शांति भंग करने के प्रयास किए जाने पर देखते ही गोली मारने का आदेश जारी किया। मुख्यमंत्री ने जिले में रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) और सीआरपीएफ की तैनाती के पक्ष में बात की।
मुख्यमंत्री ने दोहराया कि सरकार हिंदुओं को धमकाने के लिए गोमांस को हथियार बनाने के हर प्रयास को विफल कर देगी। उन्होंने कहा, "मैंने कानून-प्रवर्तन अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे हमारे मंदिरों, नामगृहों और पवित्र स्थानों को अपवित्र करने वाले तत्वों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाएँ।
धुबरी जिले में जमीनी स्थिति का जायजा लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बंगलादेश और असम में ताजा राजनीतिक घटनाक्रम से कट्टरपंथी ताकतों ने धुबरी जिले में शांति भंग करने के लिए सोशल मीडिया और मैदान में सिर उठाना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा, 'हमारी सरकार ऐसा नहीं होने देगी। हम धुबरी को अपने हाथ से नहीं जाने देंगे। हम जिले में कानून और व्यवस्था सुनिश्चित करने और सभी कट्टरपंथी तत्वों को हराने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।
मुख्यमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि धुबरी में 'नबीन बांग्लादेश' नामक एक नया संगठन तीन अलग-अलग स्थानों पर पोस्टर के साथ दिखाई दिया। उन्होंने कहा कि यह कदम धुबरी जिले को बांग्लादेश में शामिल करने के लिए अल्पसंख्यकों को प्रेरित करने वाला प्रतीत होता है।
मुख्यमंत्री ने कहा, ईद के दिन जिले में किसी ने हनुमान मंदिर के सामने गोमांस फेंक दिया। अगले ही दिन, सभी समुदायों ने एक बैठक की और शांति बनाए रखने पर सहमति व्यक्त की। हालाँकि बदमाशों ने उस रात भी मौके पर गोमांस फेंका और पथराव किया। मैंने ईद की पूर्व संध्या पर पश्चिम बंगाल से धुबरी में हजारों मवेशियों के आयात की जाँच का आदेश दिया है। चूंकि राज्य में मवेशियों के आयात पर प्रतिबंध है, इसलिए मैंने जाँचकर्ताओं से मवेशियों के आयात के पीछे पुरुषों को गिरफ्तार करने के लिए कहा है। मैंने पुलिस से उन सभी अपराधियों को गिरफ्तार करने के लिए कहा है जो उनके खिलाफ गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद भी गिरफ्तारी से बच रहे हैं।
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