गुवाहाटी: वित्तीय वर्ष 2021-22 से 2023-24 की अवधि के दौरान 15वें वित्त आयोग के तहत क्रियान्वित गांव पंचायत की सभी योजनाओं की जिला आयुक्तों (डीसी) द्वारा जांच की जाएगी। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री रंजीत कुमार दास ने आज असम विधानसभा में यह जानकारी दी।
सदन में शरदकालीन सत्र के अंतिम दिन विपक्ष के एक विधायक ने आरोप लगाया कि 15वें वित्त आयोग के तहत गांव पंचायत योजनाओं को क्रियान्वित करते समय धन की हेराफेरी की गई है।
मंत्री दास ने तुरंत आरोप का जवाब देते हुए कहा कि जल्द ही जांच की जाएगी।
शुक्रवार शाम को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. जेबी एक्का ने जांच के संबंध में कार्यालय आदेश जारी किया। आदेश में कहा गया है, "यह सुनिश्चित करने के लिए कि 15वें वित्त आयोग के तहत ली गई योजनाओं को स्वीकृत योजना और अनुमान के अनुसार लागू किया जाए, यह निर्णय लिया गया है कि अब से 15वें वित्त आयोग के तहत सभी योजनाओं का निरीक्षण/सत्यापन संबंधित जिला आयुक्तों द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-22 से 2023-24 की अवधि के लिए किया जाएगा और सत्यापन पूरा होने के बाद, जिला आयुक्त असम सरकार, पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव को विस्तृत निरीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।"
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