नई दिल्ली: नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने शनिवार को देश भर में घरेलू हवाई किरायों पर एक सीमा लगा दी ताकि इंडिगो में बड़े पैमाने पर व्यवधान के बाद टिकटों की कीमतों में अचानक आई तेज़ी को नियंत्रित किया जा सके। इंडिगो में व्यवधान के कारण कई मार्गों पर उड़ानें रद्द हुईं और क्षमता कम हो गई।
मंत्रालय के आदेश के अनुसार, एयरलाइनों को उड़ान संचालन सामान्य होने तक, जनहित में लागू की गई नई निर्धारित अधिकतम सीमा से अधिक किराया लेने से प्रतिबंधित कर दिया गया है। यह सीमा मार्ग की लंबाई के आधार पर 7,500 रुपये से 18,000 रुपये तक है।
500 किलोमीटर तक की उड़ानों के लिए, अधिकतम स्वीकार्य किराया 7,500 रुपये है। 500 से 1,000 किलोमीटर के बीच के क्षेत्रों के लिए यह सीमा 12,000 रुपये है। 1,000 से 1,500 किलोमीटर के बीच के मार्गों के लिए यह सीमा 15,000 रुपये है, जबकि 1,500 किलोमीटर से अधिक की उड़ानों का किराया 18,000 रुपये से अधिक नहीं हो सकता।
इन सीमाओं में लागू शुल्क शामिल नहीं हैं और ये बिज़नेस क्लास या उड़ान उड़ानों पर लागू नहीं होतीं। हाँलाकि, मंत्रालय ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि प्रीमियम इकोनॉमी किराया इस सीमा के अंतर्गत आता है या नहीं, हालाँकि यह पुष्टि हो चुकी है कि ये सीमाएँ इकोनॉमी क्लास पर भी लागू होंगी।
यह कदम 4 दिसंबर से हवाई किराए में अभूतपूर्व वृद्धि के मद्देनजर उठाया गया है, जिसमें कई ऑनलाइन ट्रैवल प्लेटफॉर्म मांग और उपलब्ध क्षमता के बीच अचानक हुए बेमेल के कारण अंतिम समय में बढ़ी हुई कीमतें दिखा रहे हैं। सरकार ने कहा कि वह वास्तविक समय में किराए के स्तर पर कड़ी नज़र रखेगी और सख्त अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए एयरलाइनों और बुकिंग प्लेटफॉर्म के साथ समन्वय करेगी।
निर्धारित सीमा के विपरीत किसी भी चीज़ पर तत्काल सुधारात्मक कारवाई की जाएगी।
इस किराया विनियमन के साथ, मंत्रालय ने इंडिगो को बिना किसी देरी के सभी लंबित यात्री रिफंड की प्रक्रिया करने और रद्द या बाधित उड़ानों के लिए रविवार, 7 दिसंबर को रात 8 बजे तक रिफंड चक्र पूरा करने का निर्देश दिया है।
इसने एयरलाइन को 48 घंटों के भीतर सभी खोए हुए सामान का पता लगाने और यात्रियों के घरों या चुने हुए पते पर पहुँचाने का भी निर्देश दिया है। इन उपायों से घरेलू हवाई यात्रा की लागत स्थिर होने और मौजूदा परिचालन व्यवधानों के कम होने तक यात्रियों पर बोझ कम होने की उम्मीद है। (आईएएनएस)