लखीमपुर: असम में एक गंभीर आरोप सामने आया है, जिसमें सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी हितेश देव शर्मा पर एक पत्रकार और उनके छोटे बच्चे को धमकी देने का आरोप लगाया गया है। बताया जाता है कि यह घटना तब हुई जब शर्मा ने बजाली जिले के पाठशाला के पत्रकार राणा डेका को फोन किया और बातचीत के दौरान उन्हें जान से मारने की धमकी दी। इस आरोप ने मीडिया संगठनों में चिंता पैदा कर दी है और असम पत्रकार संघ (जेएएफए) की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया देखी गई है।
जेएएफए के अनुसार, सेवानिवृत्त वरिष्ठ नागरिक कर्मचारी का ऐसा व्यवहार अस्वीकार्य और गहरा परेशान करने वाला है। संघ ने कहा कि एक व्यक्ति जिसने कभी प्रशासन में एक महत्वपूर्ण पद संभाला हो और जनता का सम्मान प्राप्त किया हो, उसे ऐसे कार्यों में शामिल नहीं होना चाहिए जो किसी पत्रकार या बच्चे को डराने या खतरे में डालने वाले हों। जेएएफए ने कहा कि कथित घटना ने पहले से ही कठिन परिस्थितियों में काम कर रहे पत्रकारों के बीच डर और असुरक्षा पैदा कर दी है।
संस्था ने असम के डीजीपी हरमीत सिंह से मामले को गंभीरता से लेने और उचित व पारदर्शी जाँच कराने की अपील की है। जेएएफए ने हितेश देव शर्मा की तत्काल गिरफ्तारी की भी माँग की है, यह बताते हुए कि कारवाई में किसी भी प्रकार की देरी समाज को गलत संदेश देगी और उन लोगों को उत्साहित करेगी जो पत्रकारों को चुप कराने की कोशिश करते हैं।
पुलिस हस्तक्षेप की माँग के अलावा, जेएएफए ने मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा से मामले की व्यक्तिगत रूप से जाँच करने और पत्रकार व उनके परिवार के लिए न्याय सुनिश्चित करने का आग्रह किया है। संगठन ने चेतावनी दी कि यदि सरकार त्वरित और कड़ा कदम नहीं उठाती है, तो वे असम के प्रत्येक जिले में विरोध कार्यक्रम आयोजित करेंगे। जेएएफए ने कहा कि वे इस आंदोलन को तब तक और तीव्र करने के लिए तैयार हैं जब तक पत्रकारों की सुरक्षा और राज्य में प्रेस स्वतंत्रता की रक्षा के लिए ठोस कदम नहीं उठाए जाते।