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ऑनलाइन गेमिंग विधेयक अधिकारियों को गिरफ्तारी की शक्ति प्रदान करता है

बुधवार को लोकसभा में पारित ऑनलाइन रियल-मनी गेमिंग (आरएमजी) प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगाने के लिए केंद्र सरकार का मसौदा विधेयक, अधिकारियों को किसी भी परिसर की तलाशी लेने और गिरफ्तार करने की शक्ति देता है।

Sentinel Digital Desk

मुंबई: ऑनलाइन रियल-मनी गेमिंग (आरएमजी) प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगाने के लिए केंद्र सरकार का मसौदा विधेयक बुधवार को लोकसभा में पारित हो गया। यह विधेयक अधिकारियों को किसी भी परिसर की तलाशी लेने और उल्लंघन के संदेह में किसी भी व्यक्ति को बिना वारंट के गिरफ्तार करने का अधिकार देता है।

'ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन एवं विनियमन विधेयक 2025' शीर्षक वाला यह विधेयक ऑनलाइन मनी गेम्स पर अंकुश लगाने पर केंद्रित है, जहाँ खिलाड़ी वित्तीय लाभ की उम्मीद में पैसा दांव पर लगाते हैं, चाहे वे कौशल-आधारित हों या संयोग-आधारित। इसलिए, इस विधेयक का उद्देश्य ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेमिंग को बढ़ावा देना है, जो ज़्यादा कौशल-आधारित हैं।

इसके अलावा, मसौदा विधेयक ऑनलाइन मनी गेमिंग सेवाओं और उनके विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाता है और बैंकों व वित्तीय संस्थानों को इन प्लेटफ़ॉर्म के साथ लेन-देन करने से प्रतिबंधित करता है।

मसौदा विधेयक केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किसी भी अधिकारी को "किसी भी स्थान में प्रवेश" करने और "किसी भी व्यक्ति की बिना वारंट के तलाशी लेने या गिरफ्तार करने" की अनुमति देता है, जिसके बारे में इस अधिनियम के तहत अपराध करने या करने का उचित संदेह हो।

विधेयक "किसी भी स्थान" को किसी भी परिसर, भवन, वाहन, कंप्यूटर संसाधन, वर्चुअल डिजिटल स्पेस, इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड या इलेक्ट्रॉनिक स्टोरेज डिवाइस के रूप में परिभाषित करता है।

विधेयक में लिखा है, "यदि ऐसा कोड उपलब्ध नहीं है, तो अधिकारी किसी भी एक्सेस कंट्रोल या सुरक्षा कोड को ओवरराइड करके कंप्यूटर संसाधनों, वर्चुअल डिजिटल स्पेस, इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड या स्टोरेज डिवाइस तक पहुँच सकता है।"

चूँकि आरएमजी प्लेटफॉर्म पर पहले से ही जमा राशि पर 28 प्रतिशत जीएसटी (2023 में लागू) लागू था, और इसे बढ़ाकर 40 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है, इसलिए इस विधेयक पर प्रतिबंध से 20,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर राजस्व कम हो सकता है।

हालांकि, सरकार ऑनलाइन मनी गेमिंग के बढ़ते चलन को रोकने के लिए दृढ़ संकल्पित प्रतीत होती है, जिससे लत, वित्तीय नुकसान और अपराध बढ़े हैं।

केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने विधेयक के एक परिशिष्ट में कहा, "ये प्लेटफॉर्म अक्सर बाध्यकारी और व्यसनकारी व्यवहार को बढ़ावा देते हैं, जिसके परिणामस्वरूप वित्तीय बर्बादी, मानसिक स्वास्थ्य विकार और धोखाधड़ी और शोषण की घटनाओं में वृद्धि होती है।"

इस विधेयक में आरएमजी की पेशकश, मदद, प्रोत्साहन, उकसावे या इसमें शामिल पाए जाने वालों के लिए तीन साल की कैद और 1 करोड़ रुपये के जुर्माने का प्रस्ताव रखा गया है। इसके अलावा, विधेयक में ऐसे खेलों के विज्ञापन, प्रचार या प्रायोजन के लिए 2 साल की जेल या 50 लाख रुपये के जुर्माने का प्रस्ताव रखा गया है। (आईएएनएस)