नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने याद किया कि कैसे उन्होंने वर्षों पहले भू-राजनीतिक संरेखणों पर एक शब्द बनाया था, जो अब सच्चा साबित हुआ। थरूर ने रात्रिभोज के निमंत्रण पर रोशनी डालते हुए कहा कि यह निमंत्रण उस समय आया जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दो दिवसीय राज्य दौरे पर आए थे। शशि थरूर ने संकेत दिया कि वे जिस कारण से शुक्रवार की रात को राष्ट्रपति भवन आए थे, उसका उनके कार्य से अधिक सम्बन्ध है क्योंकि वे संसदीय स्थायी समिति, जो विदेशी मामलों के अध्यक्ष के रूप में कार्य करती है, उसके अध्यक्ष हैं।
थरूर ने कहा, "मैं कुछ समय बाद [राष्ट्रपति भवन] वापस आया हूँ। कुछ वर्षों के लिए मेरा मानना है कि उनका रुख अलग था। इस बार ऐसा लगता है कि उन्होंने अन्य आवाज़ों के लिए थोड़ा अधिक खुलने का निर्णय लिया है, और ईमानदारी से कहूँ तो क्योंकि विदेशों के साथ संबंध वही हैं जिनका निपटान संसदीय स्थायी समिति करती है, इसलिए यह जानना कि बातचीत में क्या होता है, माहौल कैसा है आदि में कुछ जानकारी होना मददगार है। इसलिए मैं इस कारण से यहाँ होने के लिए बहुत खुश हूँ। इससे अधिक, इससे कम कुछ नहीं।" कांग्रेस के नेता जैसे पवन खेड़ा और जयराम रमेश ने पार्टी के सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी तथा राज्यसभा के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को राज्य भोज में आमंत्रित न किए जाने पर सवाल उठाए हैं।