शीर्ष सुर्खियाँ

असम की सुरक्षा के लिए 6 समूहों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देना अनिवार्य है: एटीएएसयू

ऑल ताई अहोम स्टूडेंट्स यूनियन (एटीएएसयू) ने कहा कि सरकार को असम और असमियों के सुरक्षित भविष्य के लिए ताई अहोम सहित राज्य के छह समुदायों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देना चाहिए।

Sentinel Digital Desk

स्टाफ रिपोर्टर

गुवाहाटी: ऑल ताई अहोम स्टूडेंट्स यूनियन (एटीएएसयू) ने असम और असमिया लोगों के सुरक्षित भविष्य के लिए सरकार से राज्य के छह समुदायों, जिनमें ताई अहोम भी शामिल हैं, को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की माँग की है। ताई छात्र संगठन ने आज गुवाहाटी में अनुसूचित जनजाति मुद्दे पर मंत्रियों के समूह (जीओएम) की रिपोर्ट पर विचार-विमर्श किया। जीओएम ने ताई अहोम समुदाय के लिए एसटी-वी की सिफारिश की है।

ताई अहोम समुदाय के बुद्धिजीवियों, साहित्यकारों, अधिवक्ताओं और अन्य लोगों ने जीओएम की रिपोर्ट पर गहन विचार-विमर्श किया। बैठक में रमेश बोरपात्रा गोहैन की अध्यक्षता में और एटीएएसयू अध्यक्ष बसंत गोगोई को सदस्य-सचिव बनाकर 21 सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया। यह समिति अनुसूचित जनजाति का दर्जा पाने के योग्य ताई अहोम समुदाय पर एक सूचनात्मक पुस्तिका तैयार करेगी। समिति मुख्यमंत्री को सौंपने के लिए जीओएम की रिपोर्ट पर एक ज्ञापन भी तैयार करेगी।

बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए एटीएएसयू अध्यक्ष बसंत गोगोई ने कहा, “असम और असमिया लोगों के सुरक्षित भविष्य के लिए सरकार को ताई अहोम सहित छह समुदायों को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देना चाहिए। वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट में ताई अहोमों के लिए एसटी-वी की सिफारिश की गई थी। आज की विचार-विमर्श बैठक में इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा हुई, जिसमें कानूनी पहलू भी शामिल थे। हमने वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट के बाद अपनी मांगों को आगे बढ़ाने के लिए एक रोडमैप पर चर्चा की है। बैठक में हमारे समुदाय, भूमि, संसाधनों आदि के लिए सामाजिक-राजनीतिक संरक्षण जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हुई। आज गठित समिति हमारी मांगों को आगे बढ़ाएगी।”