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जबरन चंदा रोकने के लिए राज्य सरकार विधानसभा में विधेयक पेश करेगी

Sentinel Digital Desk

गुवाहाटी : राज्य सरकार जबरन चंदा लेने पर प्रतिबंध लगाने और इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए विधानसभा में एक विधेयक लाएगी। राज्य सरकार के पास जबरन धन की वसूली से निपटने के लिए कोई तंत्र नहीं है।

 मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा पद संभालने के बाद से ही जबरन चंदा लेने के खिलाफ रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, 'जब संगठन व्यापारियों से जबरन चंदा इकट्ठा करेंगे तो सरकार मूकदर्शक नहीं रहेगी। सरकार अब इस आशय का विधेयक विधानसभा में लाने पर अडिग है। हम जबरन वसूली को संगठित अपराध मानेंगे। हम बिल में एक प्रावधान रखेंगे कि संगठनों को जबरन जमा किए गए चंदे को निरस्त किया जा सके। हम राज्य में एक ऐसा माहौल बनाना चाहते हैं जहां निवेशकों को अब दान के खतरे का सामना नहीं करना पड़ेगा। जबरन चंदा देने के मामले में असम ने निवेशकों के बीच संदेहास्पद अंतर पैदा किया है।"

 छात्रों के संगठनों सहित संगठनों का एक वर्ग, व्यापारियों और व्यापारियों से चंदा इकट्ठा करना राज्य में एक सदियों पुरानी प्रथा रही है। कई व्यापारी संगठनों की मांगों के आगे झुकते हैं।

 एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "भयभीत दानदाताओं को पुलिस में शिकायत दर्ज करनी चाहिए। हालांकि, वे चुप रहते हैं। जब हमें शिकायत मिलती है तो हम कार्रवाई करते हैं। हम व्यापारियों से अपील करते हैं कि ऐसी परिस्थितियों का सामना करने पर पुलिस में शिकायत दर्ज कराने के लिए आगे आएं।"

 एक आधिकारिक सूत्र ने कहा, "हम इस बजट सत्र में विधेयक पेश करने की कोशिश कर रहे हैं। अगर हम नहीं कर सकते हैं, तो हम इसे अगले सत्र में पेश करेंगे।"

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