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चोरी और हेराफेरी: 136 करोड़ रुपये के मामले वर्षों से लंबित( Cases to tune of Rs 136 crore pending for years )

Sentinel Digital Desk

गुवाहाटी : सरकारी सामग्री की हेराफेरी, चोरी और 136 करोड़ रुपये के नुकसान के मामले विभिन्न विभागों में वर्षों से लंबित हैं |  ऐसे 342 मामलों में से सिर्फ 20 में ही संबंधित विभागों ने प्राथमिकी दर्ज कराई। मामलों की पेंडेंसी (pendency) 5-25 साल से लेकर है।

सीएजी (CAG)की रिपोर्ट के अनुसार, संबंधित विभागों से उत्तर प्राप्त न होने और विभागों द्वारा विशिष्ट/उपयुक्त उत्तर प्रस्तुत न करने के कारण मामले लंबित थे। सीएजी (CAG) की रिपोर्ट में कहा गया, "सरकार शेष सभी मामलों में आवश्यक कार्रवाई कर सकती है और हेराफेरी के मामलों को तार्किक रूप से समाप्त कर सकती है। इसके अलावा, सरकार को अपने वित्तीय हितों में चोरी, हेराफेरी और नुकसान से संबंधित मामलों की निगरानी और त्वरित निपटान सुनिश्चित करने के लिए एक प्रभावी तंत्र स्थापित करने पर विचार करना चाहिए।"

सीएजी ने बताया, "वाहन डेटाबेस में जानकारी की उपलब्धता के बावजूद 11 जिलों के डीटीओ (जिला परिवहन अधिकारी) ने न तो उन वाहनों के पंजीकरण/परमिट रद्द करने की कार्रवाई शुरू की, जिनके फिटनेस प्रमाण पत्र समाप्त हो गए हैं और न ही चूक करने वाले वाहन मालिकों को कोई नोटिस जारी किया है। जिसके परिणामस्वरूप 1.19 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ, साथ ही 22.56 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। अप्रैल 2017 से मार्च 2019 के बीच, 19,201 वाहनों के फिटनेस प्रमाण पत्र समाप्त हो गए, लेकिन संबंधित डीटीओ ने उनके खिलाफ कार्रवाई करने से परहेज किया।'