
एक संवाददाता
जामुगुरीहाट: राज्य के दूर-दराज इलाकों से हज़ारों श्रद्धालु जामुगुरीहाट के पटोलोर चुक स्थित 270 साल पुराने ऐतिहासिक बोका-खेसा भाओना में शामिल हुए। दो दिवसीय कार्यक्रम के साथ सोमवार को इसका समापन हुआ। जन्माष्टमी के दिन नंदोत्सव के साथ-साथ 'कृष्ण जन्म यात्रा' भाओना भी मनाया गया। दूसरे दिन सदियों पुरानी परंपरा के अनुसार 'बोका-खेसा' भाओना मनाया गया। ग्रामीणों का मानना है कि अगर इस सदियों पुरानी परंपरा को तोड़ा जाता है, तो इलाके में दुर्भाग्य आता है।
बोका-खेसा भाओना एक अनोखी परंपरा है जिसमें ज़मीन खोदकर एक छप्पर तैयार किया जाता है। इसके बाद, ग्रामीण पानी डालकर उसे कीचड़ और फिसलन भरा बना देते हैं। कलाकार छप्पर के नीचे इकट्ठा होकर भक्ति गीत गाते हैं। बोका-खेसा भाओना भगवान कृष्ण के जन्म की खुशी के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है।
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