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असम के हाथियों का पड़ोसी राज्यों में 'अवैध गतिविधियों' में इस्तेमाल

राज्य वन विभाग ने वर्तमान में पड़ोसी राज्यों में रखे बंदी हाथियों के मालिकों को निर्देश दिया है

असम के हाथियों का पड़ोसी राज्यों में अवैध गतिविधियों में इस्तेमाल

Sentinel Digital DeskBy : Sentinel Digital Desk

  |  8 July 2022 5:38 AM GMT

गुवाहाटी: राज्य के वन विभाग ने वर्तमान में पड़ोसी राज्यों में रखे गए बंदी हाथियों के मालिकों को निर्देश दिया है कि वे अपने माइक्रोचिप्स की जांच के लिए अपने संबंधित संभागीय वन कार्यालयों में पचीडर्म्स का उत्पादन करें।

माइक्रोचिप एक ऐसा उपकरण है जिसका उपयोग हाथियों की पहचान के लिए उनमें से प्रत्येक को उनके ठिकाने सहित विवरण प्राप्त करने के लिए विशिष्ट पहचान संख्या प्रदान करके किया जाता है।

प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) एमके यादव ने संभागीय वन अधिकारियों (डीएफओ) को गतिविधियों में असम के बंदी हाथियों के उपयोग की जानकारी दी जैसे 'अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा और मेघालय में अवैध रूप से काटी गई लकड़ी को बिना अनुमति के घसीटना।पीसीसीएफ ने डीएफओ को यह भी बताया कि कई हाथी माइक्रोचिप नहीं ले जा सकते।

पीसीसीएफ ने डीएफओ को बंदी हाथियों के मालिकों को उनके माइक्रोचिप्स की जांच करने के लिए अपने संबंधित डीएफओ में अपने हाथियों का उत्पादन करने के लिए कहा।पीसीसीएफ ने कहा-"यदि ऐसे हाथी माइक्रोचिप्स के बिना हैं, तो ऐसे सभी हाथियों के लिए डीएनए संतान परीक्षण किया जाना चाहिए। यदि कोई हाथी मालिक इस आदेश को प्राप्त करने के 90 दिनों के भीतर अपने हाथी का उत्पादन नहीं कर सकता है, तो हाथी को जब्त कर राज्य में वापस लाया जाएगा।"



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