
हमारे संवाददाता
डिगबोई: डिगबोई में बाढ़ राहत और मानवीय सहायता एवं आपदा राहत (एचएडीआर) अभियानों पर एक व्यापक संयुक्त मॉक ड्रिल सफलतापूर्वक आयोजित की गई, जिसमें भारतीय सेना, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की 12वीं बटालियन, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) और राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) की 26वीं बटालियन, एनसीसी, डिगबोई के कैडेट शामिल थे।
यह संयुक्त अभ्यास 20 अगस्त से शुरू हुए दस दिवसीय समन्वय शक्ति 2025 अभ्यास के एक भाग के रूप में आयोजित किया गया था। इसका उद्देश्य आपातकालीन स्थितियों के दौरान समन्वित प्रतिक्रिया हेतु भारतीय सेना और विभिन्न सरकारी एजेंसियों के बीच तालमेल बनाना था।
मौके पर मौजूद भारतीय सेना के एक अधिकारी ने बताया कि इस अभ्यास का उद्देश्य विभिन्न हितधारकों के बीच तालमेल और समन्वय को बढ़ाना था और प्रतिक्रिया तंत्रों का परीक्षण और परिशोधन करने के लिए बड़े पैमाने पर बाढ़ परिदृश्य का अनुकरण करना था।
यह मॉक ड्रिल क्षेत्र में वास्तविक जीवन की बाढ़ की घटनाओं के दौरान आने वाली चुनौतियों को प्रतिबिंबित करने के लिए डिज़ाइन की गई थी।
प्रतिभागियों को बचाव और निकासी अभ्यास सहित कई परिदृश्यों का कार्य सौंपा गया था ताकि फंसे हुए नागरिकों के त्वरित और कुशल बचाव कार्यों का परीक्षण किया जा सके और उसके बाद पीड़ितों के लिए चिकित्सा सहायता और खाद्य एवं पेय पदार्थों के वितरण जैसे कदम उठाए जा सकें।
भारतीय सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन के बीच संचार माध्यमों के परीक्षण और सुधार हेतु अंतर-एजेंसी संचार का भी समन्वित तरीके से कुशलतापूर्वक प्रदर्शन किया गया।
भाग लेने वाले बलों के वरिष्ठ अधिकारियों ने सभी टीमों के प्रयासों और उनके उच्च स्तर की व्यावसायिकता की सराहना की। एनसीसी कैडेटों का समावेश विशेष रूप से महत्वपूर्ण रहा, क्योंकि इससे उन्हें आपदा प्रबंधन में अमूल्य व्यावहारिक अनुभव प्राप्त हुआ और उनमें ज़िम्मेदारी और सामुदायिक सेवा की भावना का संचार हुआ।
यह मॉक ड्रिल भारतीय सशस्त्र बलों, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की असम के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने, विशेष रूप से मानसून के मौसम में, की प्रतिबद्धता का प्रमाण थी।
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