असम: ओआईएल और आईआरईएल ने दुर्लभ मृदा और महत्वपूर्ण खनिजों पर सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

ऑयल इंडिया और आईआरईएल ने महत्वपूर्ण खनिजों के विकास पर सहयोग करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए, जिससे रणनीतिक खनिज स्रोतों में भारत की आत्मनिर्भरता बढ़ेगी।
असम: ओआईएल और आईआरईएल ने दुर्लभ मृदा और महत्वपूर्ण खनिजों पर सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए
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एक संवाददाता

डिब्रूगढ़: रणनीतिक खनिज स्रोतों में भारत की आत्मनिर्भरता को मज़बूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, ऑयल इंडिया लिमिटेड (ओआईएल) और आईआरईएल (इंडिया) लिमिटेड ने 7 अगस्त को मुंबई में महत्वपूर्ण खनिजों के विकास हेतु सहयोग हेतु एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।

पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के तत्वावधान में महारत्न सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम ऑयल इंडिया एक प्रमुख एकीकृत तेल एवं गैस कंपनी है, जिसके पास कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस के अन्वेषण, विकास, उत्पादन और परिवहन में सिद्ध विशेषज्ञता है।

महत्वपूर्ण खनिजों के बढ़ते महत्व को देखते हुए, ऑयल इंडिया लिमिटेड ने अपने वर्तमान तेल और गैस पोर्टफोलियो के अलावा महत्वपूर्ण खनिजों के क्षेत्र में भी विविधता ला दी है। परमाणु ऊर्जा विभाग के अंतर्गत एक मिनीरत्न सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम, आईआरईएल, दुर्लभ मृदा तत्वों के निष्कर्षण और शोधन सहित खनिज रेत के खनन और प्रसंस्करण में संलग्न है। ऑयल इंडिया लिमिटेड और आईआरईएल की साझेदारी महत्वपूर्ण खनिजों और दुर्लभ मृदा तत्वों में भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। भारत सरकार के राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन के अंतर्गत चिन्हित सार्वजनिक उपक्रमों के एक भाग के रूप में, यह सहयोग देश की ऊर्जा सुरक्षा और तकनीकी उन्नति के लिए आवश्यक रणनीतिक खनिज संसाधनों को सुरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। ऑयल इंडिया के कार्यकारी निदेशक (बीडी) रंजन गोस्वामी और आईआरईएल के महाप्रबंधक (परियोजनाएँ) रवि प्रकाश झा ने ऑयल इंडिया के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डॉ. रंजीत रथ और आईआरईएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक शारदा भूषण मोहंती तथा दोनों कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

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