राज्य में ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा उपभोक्ता उत्पीड़न के मामले बढ़े

वित्तीय वर्ष 2020-2021 और 2021-2022 में राज्य में ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा उपभोक्ताओं के ऑनलाइन उत्पीड़न के मामलों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है।
राज्य में ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा उपभोक्ता उत्पीड़न के मामले बढ़े

गुवाहाटी: वित्तीय वर्ष 2020-2021 और 2021-2022 में राज्य में ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा उपभोक्ताओं के ऑनलाइन उत्पीड़न के मामलों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है।

सूत्रों के अनुसार 2017-2018 में राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन द्वारा असम से प्राप्त शिकायतों की संख्या 693 थी। यह 2018-2019 में 765 और 2019-2020 में बढ़कर 893 हो गया।

हालांकि, 2020-2021 में ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा उपभोक्ताओं के ऑनलाइन उत्पीड़न की शिकायतों की संख्या बढ़कर 2,340 हो गई। वित्तीय वर्ष 2021-2022 में यह संख्या और बढ़कर 2,445 हो गई। सूत्रों ने कहा कि डेटा उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम, 2020 के प्रावधानों के अनुसार प्राप्त किया गया था, जिसे उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के प्रावधानों के तहत अधिसूचित किया गया है। इस अधिनियम का उद्देश्य उपभोक्ताओं को ई-कॉमर्स में अनुचित व्यापार प्रथाओं से बचाना है। उन्हें सभी ई-कॉमर्स संस्थाओं को उपभोक्ता शिकायत निवारण तंत्र स्थापित करने, उपभोक्ता शिकायत निवारण के लिए एक शिकायत अधिकारी नियुक्त करने और ऐसे अधिकारियों के नाम, संपर्क विवरण और पदनाम को अपने मंच पर प्रदर्शित करने की आवश्यकता है।  शिकायत अधिकारी को किसी भी उपभोक्ता शिकायत की प्राप्ति की सूचना 48 घंटों के भीतर देनी होती है और शिकायत प्राप्त होने की तारीख से एक महीने के भीतर शिकायत का निवारण करना होता है।

सूत्रों ने कहा कि उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल www.cybercrime.gov.in की स्थापना की है। गृह मंत्रालय ने साइबर अपराधों के बारे में जागरूकता फैलाने, अलर्ट/सलाह जारी करने, कानून प्रवर्तन कर्मियों/अभियोजकों/न्यायिक अधिकारियों के क्षमता निर्माण/प्रशिक्षण, साइबर फोरेंसिक सुविधाओं में सुधार आदि के लिए भी कदम उठाए हैं।

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