तिनसुकिया में आयोजित 'पूर्वी हिमालय के ऑर्किड पर हाल के अध्ययन' पर सम्मेलन

ऑर्किड सोसायटी ऑफ ईस्टर्न हिमालया (असम सर्किल), इस क्षेत्र के आर्किड जर्मप्लाज्म के संरक्षण के लिए बनाई गई सोसायटी ने एक दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया है।
तिनसुकिया में आयोजित 'पूर्वी हिमालय के ऑर्किड पर हाल के अध्ययन' पर सम्मेलन

हमारे संवाददाता

तिनसुकिया: ऑर्किड सोसाइटी ऑफ ईस्टर्न हिमालया (असम सर्कल), इस क्षेत्र के आर्किड जर्मप्लाज्म के संरक्षण के लिए गठित एक समाज ने सोमवार को अपने मुख्यालय में 'पूर्वी हिमालय के ऑर्किड पर हालिया अध्ययन' विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया है। सम्मेलन का आयोजन वनस्पति विज्ञान विभाग, डीएचएसके कॉलेज, डिब्रूगढ़, वनस्पति विज्ञान विभाग, नौगोंग गर्ल्स कॉलेज, नागांव, वनस्पति विज्ञान विभाग, सिलपाथर कॉलेज, रूपई हाई स्कूल, छला ग्राम अभयारण्य संरक्षण सोसायटी, क्षेत्रीय जननद्रव्य संरक्षण केंद्र, डाइसा बोरदोलोई नगर, तिनसुकिया और अभिरुचि क्लब के सहयोग से किया गया था।

दिन भर चलने वाले कार्यक्रम की शुरुआत तोसेहीम के अध्यक्ष डॉ. जिंटू सरमा द्वारा आधिकारिक ध्वज फहराकर की गई। सम्मेलन के सिलसिले में इसके क्षेत्रीय कार्यालय का उद्घाटन बीर राघब मोरान राजकीय मॉडल कॉलेज के प्राचार्य व डूमडूमा कॉलेज के प्रभारी डॉ. अमरजीत सैकिया ने किया। ओपन सेशन की शुरुआत दीप प्रज्वलित कर की गई। राजीव गांधी विश्वविद्यालय के वनस्पति विज्ञान विभाग के प्रोफेसर सम्पम तंगजंग ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। गौहाटी विश्वविद्यालय के वनस्पति विज्ञान विभाग के पूर्व क्यूरेटर डॉ. गजेन चंद्र सरमा, भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण के उप निदेशक डॉ. कृष्णा चौलू, अरुणाचल के राज्य वन अनुसंधान संस्थान के ऑर्किडोलॉजिस्ट डॉ. ओना अपांग ने सम्मानित अतिथि के रूप में भाग लिया। तोसेहीम-एसी के अध्यक्ष डॉ. जिंटू सरमा ने बैठक की अध्यक्षता की।

संगोष्ठी में उत्तर प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय और असम से 70 से अधिक प्रतिभागी शामिल हुए, जो विशेष रूप से भारतीय पूर्वी हिमालयी क्षेत्र के ऑर्किड पर विभिन्न आयामों पर काम कर रहे हैं। संगोष्ठी में डॉ. जी.सी. सरमा ने तोसेहीम-एसी के बुलेटिन के दूसरे अंक 'तोसेहीम न्यूज' का उद्घाटन किया। खुले सत्र में गुणालता गोगोई व सा.ज. तोसेहीम -एसी के कार्यालय के लिए भूमि प्रदान करने वाले नगेन चंद्र गोगोई को सम्मानित किया गया है।

संगोष्ठी सह दूसरी वार्षिक आम बैठक में, समाज ने हर साल एक आजीवन उपलब्धि पुरस्कार प्रदान करने का निर्णय लिया। और चालू वर्ष के लिए, इस क्षेत्र के दो प्रख्यात पादप वर्गीकरण विज्ञानी, प्रोफेसर सुधांशु चौधरी और डॉ. पद्मेश्वर गोगोई को पूर्वोत्तर भारत की पादप संपदा को व्यवस्थित करने में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया जाएगा। सम्मेलन के सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुतकर्ता का पुरस्कार अरुणाचल प्रदेश के रोइंग के नागरिक वैज्ञानिक प्रणव मेगा को दिया गया।

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