वन मंत्री चंद्र मोहन पटवारी ने असम में हरित अर्थव्यवस्था पर जोर दिया

असम सरकार के पर्यावरण और वन मंत्री चंद्र मोहन पटवारी ने शुक्रवार को गोलाघाट स्थित डीसी के कॉन्फ्रेंस हॉल में गोलाघाट जिले में प्रस्तावित आरक्षित वन और अमृत वृक्ष आंदोलन की समीक्षा की।
वन मंत्री चंद्र मोहन पटवारी ने असम में हरित अर्थव्यवस्था पर जोर दिया
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बैठक के दौरान पटवारी ने अमृत वृक्ष आंदोलन के तहत चालू वर्ष में गोलाघाट जिले में पौधरोपण के लिए चल रहे पंजीकरण का जायजा लिया। वर्तमान में गोलाघाट जिला वन विभाग की नर्सरी में करीब 8 लाख पौधे संरक्षण में हैं। इस वर्ष गोलाघाट जिले में अमृत वृक्ष आंदोलन के तहत करीब 13 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य है। मंत्री ने हरित अर्थव्यवस्था के निर्माण की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि पिछले वर्ष अमृत वृक्ष आंदोलन के तहत राज्य में स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं ने सबसे अधिक योगदान दिया और प्रत्येक ने 10 विश्व रिकॉर्ड बनाए। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस वर्ष महिलाओं के प्रयास से और अधिक रिकॉर्ड बनाए जा सकेंगे और राज्य में हरित वातावरण का निर्माण हो सकेगा। पटवारी ने पंजीकृत स्वयं सहायता समूहों, चाय बागानों, किसान समूहों आदि को मेहगनी, बागीपामा, अगर आदि जैसे मूल्यवान पौधे लगाने की सलाह दी ताकि भविष्य में असम के किसानों को लाभ मिल सके। कदम के पेड़ लगाने से किसानों को अधिक लाभ होगा, क्योंकि कदम के पेड़ कम समय में उगते और परिपक्व होते हैं, इन पेड़ों की मांग केले में अधिक है, जिससे प्लोइड बनता है। उल्लेखनीय है कि अमृत बृक्षा आंदोलन के तहत स्वयं सहायता समूह, चाय बागान, शैक्षणिक संस्थान, पुलिस, अर्धसैनिक बल और अन्य संस्थान जो पंजीकरण से बाहर रह गए थे, वे जल्द से जल्द पंजीकरण करा सकते हैं, ताकि विभाग समय पर पौधे एजेंसियों को उपलब्ध करा सके। बैठक में असम सरकार के सचिव आदिल खान, अतिरिक्त प्रधान मुख्य पुलिस अधीक्षक सत्येंद्र सिंह, गोलाघाट जिले के पुलिस अधीक्षक राजेन सिंह, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पराग कुमार काकती, अतिरिक्त जिला आयुक्त सुजाता गोगोई, पपरी दास, जिला वन अधिकारी सुशील कुमार ठाकुरिया, जिला परिवहन अधिकारी मोंटू कुमार दास, गोलाघाट जिला रेंजर पापू चेतिया मौजूद थे।

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