आईआईटी छात्र की मौत का मामला: ऑटोप्सी रिपोर्ट ने मौत का प्राकृतिक कारण बताया

22 वर्षीय छात्र की मौत 'क्रॉनिक कोरोनरी इनसफिशिएंसी' के कारण हुई।
आईआईटी छात्र की मौत का मामला: ऑटोप्सी रिपोर्ट ने मौत का प्राकृतिक कारण बताया

गुवाहाटी: आईआईटी-गुवाहाटी में हाल ही में हुए मौत के मामले ने एक नया मोड़ ले लिया है क्योंकि मौत का कारण सामने आ गया है। अंत में प्राप्त ऑटोप्सी रिपोर्ट ने अब घोषित कर दिया है कि छात्र की मृत्यु 'पुरानी कोरोनरी अपर्याप्तता' के कारण हुई थी।

संस्थान ने ऑटोप्सी रिपोर्ट का खुलासा किया और नवीनतम बयान में इसका उल्लेख किया। बयान में, आईआईटी-जी ने मृतक के परिवार के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त की।

मृतक भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गुवाहाटी में बीटेक अंतिम वर्ष का छात्र था। 9 जनवरी 2023 को वह अपने ही छात्रावास के कमरे में मृत पाए गए।

शव को शाम करीब साढ़े चार बजे संस्थान परिसर के दिहिंग छात्रावास में देखा गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, छात्र 22 साल का था और केमिकल साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग के तहत स्नातक की पढ़ाई कर रहा था।

मृतक महाराष्ट्र के नागपुर का रहने वाला था। अमिनगांव थाने के प्रभारी ने बताया कि मृतका छात्रावास के एक साथी को परिसर के अंदर अचेत अवस्था में मिली थी।

छात्रावास के साथी ने उसे जगाने का प्रयास किया तो मृतक ने कोई हलचल नहीं दिखाई। घटना के बाद मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी गई है।

हालांकि, पुलिस को कार्रवाई के दौरान शरीर में किसी तरह के निशान या चोट के निशान नहीं मिले। एक महीने से भी कम समय में आईआईटी-जी से यह दूसरी मौत की रिपोर्ट है।

दिसंबर 2022 में 9 दिसंबर, शुक्रवार को संस्थान परिसर में स्थित उनके क्वार्टर के अंदर एक सहायक प्रोफेसर की मौत हो गई। प्रोफेसर के क्वार्टर के अंदर से दुर्गंध आने की सूचना मिलने पर पुलिस की एक टीम संस्थान में पहुंची।

बाहर से दरवाजा तोडऩे पर शव मृत मिला और शव पहले से ही सड़ चुका था। मृतक की पहचान गणित के प्रोफेसर डॉ. समीर कुमार के रूप में हुई है।

एसपी को आशंका है कि मृतक ने 2-3 दिन पहले आत्महत्या कर ली होगी। हालांकि, कहा गया है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद मामला खत्म हो जाएगा।

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