Begin typing your search above and press return to search.

रिजर्व वन विनाश : गौहाटी उच्च न्यायालय ने सरकार से हलफनामा दाखिल करने को कहा

गुवाहाटी हाई कोर्ट ने असम के मुख्य सचिव से पूछा है

रिजर्व वन विनाश : गौहाटी उच्च न्यायालय ने सरकार से हलफनामा दाखिल करने को कहा

Sentinel Digital DeskBy : Sentinel Digital Desk

  |  30 Jun 2022 6:37 AM GMT

गुवाहाटी: गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने असम के मुख्य सचिव, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ), एनएफ रेलवे के मुख्य प्रबंधक, गुवालपारा डीसी और गुवालपारा डीएफओ को आरक्षित वनों (आरएफ) के प्रचंड विनाश पर जल्द ही एक हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा है। एनएफ रेलवे की लापरवाही, दोनों राज्य में हाथियों की मौत का कारण बने।

गुवालपारा जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग के विस्तार के कारण साल, सेगुन, गमरी आदि की अंधाधुंध कटाई हुई।

गौहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को लिखे पत्र में वन्यजीव कार्यकर्ता प्रणब ज्योति सरमा ने आंकड़ों के साथ कहा कि गुवालपारा जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग के विस्तार के नाम पर आरक्षित वनों का विनाश बड़े पैमाने पर किया गया था। उन्होंने कहा कि जंगल के आवरण के सिकुड़ने से हाथियों को बार-बार आसपास के गांवों में जाना पड़ता है, लोगों को मारना पड़ता है और संपत्ति को नष्ट करना पड़ता है। सरमा ने अपने पत्र में लिखा, एनएफ रेलवे की लापरवाही के कारण कई हाथियों की मौत हुई।

मुख्य न्यायाधीश ने पत्र को गंभीरता से लिया और इसे एक जनहित याचिका के रूप में माना। पत्र के आधार पर हाईकोर्ट ने मामला दर्ज किया। अदालत ने सभी प्रतिवादियों को निर्देश दिया कि वे वनों के बड़े पैमाने पर विनाश और ट्रेनों की चपेट में आने से हाथियों की मौत पर अपना-अपना हलफनामा दाखिल करें।

गुवालपारा के डीएफओ ने गुवाहाटी उच्च न्यायालय से निर्देश प्राप्त करने की बात स्वीकार की है। उन्होंने कहा कि विभाग इस मामले में सरकार से सलाह मशविरा करेगा और हलफनामा दाखिल करेगा।

सूत्रों के अनुसार आरक्षित वन क्षेत्रों में होजई, डोबोका, छायागांव, कामरूप आदि क्षेत्रों में पेड़ों की कटाई बड़े पैमाने पर हो रही है। राष्ट्रीय राजमार्ग-37 के नागांव से डिब्रूगढ़ तक विस्तार होने से हजारों पेड़ों की कटाई भी हुई है।



यह भी पढ़ें: ऑनलाइन गेमिंग जुआ है, जीएसटी मुआवजा बढ़ाने पर कोई फैसला नहीं: निर्मला सीतारमण





Next Story
पूर्वोत्तर समाचार