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असम में पानी शिंगोरा के साथ जमकर धंधा कर रहे तस्कर

कुछ लोग, मुख्य रूप से असम के बाहर से, पानी शिंगोरा, निखोरी या मखाना के साथ गरज का धंधा कर रहे हैं

असम में पानी शिंगोरा के साथ जमकर धंधा कर रहे तस्कर

Sentinel Digital DeskBy : Sentinel Digital Desk

  |  11 July 2022 6:11 AM GMT

गुवाहाटी: कुछ लोग, मुख्य रूप से असम के बाहर से, इसके औषधीय और पोषण मूल्यों के लिए पानी शिंगोरा, निखोरी या मोखोना के साथ एक गर्जना का व्यवसाय कर रहे हैं।इस जलीय पौधे का द्विपद नामकरण यूरीएल फेरॉक्स है।

पानी शिंगोरा असम के जल निकायों में प्रचुर मात्रा में है। पानी शिंगोरा के कांटेदार फलों में कुछ कांटों के साथ एक बाहरी आवरण होता है।असम में लोग फल के छिलके को छील कर फल के सफेद भाग को खाते हैं।

हर्बल विशेषज्ञों के अनुसार पानी शिंगोरा का सफेद भाग पौष्टिक होता है।इसके कई अन्य औषधीय मूल्य भी हैं।यूरोपीय और चीनी बाजारों में इसकी उच्च मांग है, खासकर शिशु आहार उत्पादों के लिए।

गुवाहाटी के बाजारों में पानी शिंगोरा देखा जा सकता है।राज्य के बाहर के व्यापारी जो इस जलीय फल के पोषण मूल्य से अवगत हैं, इसे मजदूरों को शामिल करके और राज्य के बाहर और विदेशों में तस्करी करके इसे थोक में इकट्ठा करते हैं।इस जलीय फल से वे जमकर धंधा कर रहे हैं।

भारत में कहीं और लोग पानी शिंगोरा को लगभग 800 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेचते हैं।यूरोपीय बाजार में इसकी कीमत करीब 5,000 रुपये प्रति किलो है।अन्य देश, मुख्य रूप से चीन और यूरोप, इस फल का उपयोग शिशु आहार और अन्य पौष्टिक खाद्य पदार्थों के रूप में करते हैं।

पानी शिंगोरा के पोषण मूल्य से अनभिज्ञ, असम के लोग इसे एक बहुत ही साधारण जलीय फल के रूप में मानते हैं।



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