लखीमपुर में एडिटिंग और प्री-प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी पर वर्कशॉप आयोजित
उत्तरी लखीमपुर महाविद्यालय (स्वायत्त) में एडिटिंग एवं प्री-प्रिंटिंग तकनीक पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।

संवाददाता
लखीमपुर: नॉर्थ लखीमपुर कॉलेज (ऑटोनॉमस) में बुधवार को एडिटिंग और प्री-प्रिंटिंग तकनीक पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का आयोजन असमिया विभाग और कॉलेज के आंतरिक मूल्यांकन प्रकोष्ठ द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था। असमिया विभाग के प्रमुख डॉ. अरबिंद राजखोवा द्वारा दिए गए स्वागत भाषण के साथ कार्यक्रम के एजेंडे की शुरुआत हुई। कार्यशाला में सेपॉन कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. असीम चुटिया ने रिसोर्स पर्सन के रूप में हिस्सा लिया। उन्होंने कार्यशाला के निर्धारित विषय पर दो अलग-अलग सत्रों में प्रतिभागियों के लिए प्रशिक्षण आयोजित किया। पहले सत्र में संसाधन व्यक्ति ने पुस्तक संपादन के विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श किया, जैसे पुस्तकों का चयन, सामग्री की संरचना की पर्याप्त रूपरेखा, पुस्तक को समसामयिक बनाना आदि।
दूसरे सत्र में प्री-प्रिंटिंग तकनीक पर प्रशिक्षण दिया गया। संसाधन व्यक्ति ने कहा, "वर्तमान में, पुस्तक संपादन और पूर्व-मुद्रण कार्य लाभदायक पेशे बन गए हैं। इच्छुक व्यक्ति असमिया भाषा के साथ-साथ अन्य भाषाओं में पुस्तकों के प्रकाशन के संबंध में पेशा अपना सकते हैं।" उत्तर लखीमपुर कॉलेज (स्वायत्त) में असमिया विभाग में अध्ययन के दौरान उन्होंने पुस्तक संपादन का बुनियादी ज्ञान सीखा था। गौरतलब है कि उत्तर लखीमपुर कॉलेज (स्वायत्त) में असमिया विभाग पिछले 15 वर्षों से डीटीपी और पुस्तक संपादन का प्रशिक्षण दे रहा है।
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