एमबीबीएस, बीडीएस प्रवेश: असम सीआईडी ने 8 साल बाद 'धोखेबाज' को गिरफ्तार किया
यह गिरफ्तारी पीड़ितों द्वारा की गई कई शिकायतों के आधार पर की गई थी, पीड़ितो का इल्ज़ाम था कि आरोपी विमल कुमार चौधरी पीड़ितो के बच्चों के प्रवेश के बदले में मोटी रकम की मांग करते थे।

गुवाहाटी: असम पुलिस के आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) ने आठ साल पहले एमबीबीएस और बीडीएस पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए ली गई रकम के खिलाफ दर्ज एक मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया है।
यह गिरफ्तारी पीड़ितों द्वारा की गई कई शिकायतों के आधार पर की गई l आरोपी विमल कुमार चौधरी पर राज्य में एमबीबीएस और बीडीएस पाठ्यक्रमों में बच्चों के प्रवेश के बदले में मोटी रकम की मांग करने का आरोप लगाया था।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, "गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश के आरोपी विमल कुमार चौधरी, आईपीसी के सेक्शन 120 (बी)/406/420 के तहत सीआईडी पीएस मामले संख्या 53/2014 में दोषी करार किए गए।इसके तहत 31 मई और 1 जून, 2022 की दरम्यान रात को सिलीगुड़ी और पश्चिम बंगाल में एक सफल ऑपरेशन के दौरान सीआईडी असम, की एक टीम के नेतृत्व में आरोपी विमल कुमार चौधरी को अपने ठिकाने से गिरफ्तार कर लिया गया।
विमल को ट्रांजिट रिमांड के लिए स्थानीय अदालत के समक्ष पेश किया गया था और उसे असम वापस लाया जा रहा है ताकि मामले के संबंध में उसके खिलाफ आगे की कानूनी कार्रवाई भी की जा सके।
पीड़ितो द्वारा बयान में कहा गया "आरोपी व्यक्ति ने मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में प्रवेश के लिए ईमेल और फोन नंबर जैसे संपर्क विवरण के साथ समाचार पत्रों में फर्जी विज्ञापन प्रकाशित किए। पीड़ितों ने आरोपी व्यक्ति से संपर्क किया और अपने बच्चों के प्रवेश के लिए भारी राशि का भुगतान किया "।
आरोपी विमल कुमार चौधरी के खिलाफ मामला 2014 में वापस दर्ज किया गया था, लेकिन वह रडार से नीचे चले गए और अंडरकवर हो गए जिससे कानून प्रवर्तन निकाय उन्हें पकड़ने में असमर्थ रही।
गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने केस नंबर डब्ल्यू.ए. 161/2019 के तहत इस मामले पर करीबी नजर रखी
उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार, इस मामले की जांच के संबंध में मार्च 2021 में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया था।
"एसआईटी ने विभिन्न तरीकों का उपयोग करके आरोपी व्यक्ति की कड़ी मेहनत से तलाश की। केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत अपराध और आपराधिक ट्रैकिंग नेटवर्क और सिस्टम (सीसीटीएनएस) ने आरोपी का पता लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाईल
सीसीटीएनएस डेटाबेस से पता चला कि 2015 में दिल्ली के कृष्णा नगर पुलिस स्टेशन में आरोपी व्यक्ति के खिलाफ इसी तरह की एक मामले के साथ एक और मामला भी दर्ज किया जिसके तहत तलाशी ली गई जिससे कृष्णा नगर मामले से संबंधित सभी आदेश सामने आए।
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