Begin typing your search above and press return to search.

हाफलोंग-सिलचर रोड़ की दुर्दशा: गौहाटी हाई कोर्ट का सरकारों और एनएचएआई को नोटिस

गौहाटी उच्च न्यायालय ने हरागजाओ के माध्यम से राष्ट्रीय राजमार्ग -54 के हाफलोंग-सिल्चर खंड के निर्माण में अत्यधिक देरी और उसकी दुर्दशा के खिलाफ एक स्वत: संज्ञान मामला (पीआईएल/1/2023) दर्ज किया है।

हाफलोंग-सिलचर रोड़ की दुर्दशा: गौहाटी हाई कोर्ट का सरकारों और एनएचएआई को नोटिस

Sentinel Digital DeskBy : Sentinel Digital Desk

  |  12 Jan 2023 6:54 AM GMT

स्टाफ रिपोर्टर

गुवाहाटी: गौहाटी उच्च न्यायालय ने हरगजाओ के माध्यम से राष्ट्रीय राजमार्ग -54 के हाफलोंग-सिल्चर खंड के निर्माण में देरी और उसकी दुर्दशा के खिलाफ एक स्वत: संज्ञान मामला (पीआईएल/1/2023) दर्ज किया है। हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार, असम सरकार, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) और उत्तरी कछार हिल्स स्वायत्त परिषद (एनसीएचएसी) को नोटिस जारी किया है।

राष्ट्रीय राजमार्ग के इस खंड में दो पैकेज हैं - हरंगजाओ-निरंबंगलो और बालाचेरा-हरंगाजाओ। यह सूरत से सिलचर तक 3,300 किलोमीटर पूर्व-पश्चिम कॉरिडोर का हिस्सा है। असम में कॉरिडोर का पूरा विस्तार लगभग 621 किमी है। कॉरिडोर पर काम 2004 में शुरू हुआ था।

उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश आरएम छाया और न्यायमूर्ति सुमन श्याम की पीठ ने चारों प्रतिवादियों से पूछा कि कॉरिडोर के हाफलोंग-सिल्चर खंड के काम में इतना समय क्यों लग रहा है। उच्च न्यायालय ने उत्तरदाताओं को 15 फरवरी, 2023 तक जवाब देने को भी कहा है।

सड़क की दुर्दशा के खिलाफ एक व्यक्ति द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत पर हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया। शिकायतकर्ता ने मामले में उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप की भी मांग की।

एनएचएआई के सूत्रों ने कहा कि उन्होंने सड़क के हरंगाजाओ-निरंबंगलो पैकेज का काम एक निर्माण कंपनी को सौंप दिया है। कंपनी ने अभी इस पैकेज पर काम शुरू नहीं किया है। सड़क के बालाचेरा-हरंगाजाओ पैकेज पर काम चल रहा है। इस पैकेज का करीब 53 फीसदी काम खत्म हो चुका है। इस पैकेज के पूरा होने की निर्धारित तिथि अप्रैल 2023 है।

सूत्रों के मुताबिक, कॉरिडोर के 75 किलोमीटर के हिस्से में देरी के लिए कई कारक जिम्मेदार हैं। पहाड़ी इलाकों में वन निकासी और भूस्खलन से संबंधित अड़चनों ने भी देरी में इजाफा किया। कभी-कभी देरी के पीछे कानून-व्यवस्था की स्थिति एक कारण थी। एनएचएआई के सूत्रों ने कहा कि अब वे जापानी तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं।

स्थानीय जनता ने कई बार केंद्र, एनएचएआई और राज्य सरकार से शिकायत की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। भूस्खलन के कारण मौजूदा सड़क बारिश के मौसम में दुर्घटना-संभावित हो जाती है।

यह भी पढ़े - गौहाटी उच्च न्यायालय ने विचाराधीन कैदी की पसंद के निजी अस्पताल में इलाज कराने की याचिका खारिज की

यह भी देखे -

Next Story
पूर्वोत्तर समाचार