लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान झूठी खबरों व् अफवाहों के विरुद्ध तैयारी

लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान झूठी खबरों व् अफवाहों के विरुद्ध तैयारी

वर्तमान विश्व में, फेसबुक जो दुनिया का एक बड़ा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है, ऐसे जगहों में से एक है जहाँ आपको असंख्य झूठी खबरें मिल सकतीहैं।फेसबुक लोगों के लिए एक मंच है जिसके माध्यम से वे अपनी तमाम भावनाओं को व्यक्त कर सकते हैं।लोगों को एक प्लेटफार्म के माध्यम से खुद को व्यक्त करने का अधिकार देकर फेसबुक सफलतापूर्वक लोकतंत्र को आकार देता रहा है।अफवाहें फैलाने में भी फेसबुक नेअपनी उचित भूमिका निभाई है।अब तक, फेसबुक के माध्यम से झूठी खाबरों के साथ-साथ कई आवश्यक सूचनाएं भी प्राप्त होती हैं।किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर उपलब्ध किसी भी प्रकार की झूठी खबरों को हटाने की दिशा में अब, फेसबुक व् अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म अथक परिश्रम कर रहे हैं।

भारत का लोकसभा चुनाव:

भारत अब लोकसभा 2019 चुनाव के बेहद करीब है।सोशल मीडिया प्लेटफार्मों की एक विकट समस्या यह है कि वे, उपलब्ध झूठी खबरों से बेहद संवेदनशील हो जाते हैं। सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर उपलब्ध झूठी खबरें प्लेटफार्म के लिए समस्या का कारण न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए आज हम तीन मुख्य विषयों पर बात करेंगे।

व्हाट्सएप के आसान फीचर:

व्हाट्सएप ने कई नए फीचर जोड़े हैं जिसमें विभिन्न प्रकार के लेबल अग्रेषित करना भी शामिल है।व्हाट्सएप अब लोगों को उन सभी संदेशों की उचित जांच के लिए प्रोत्साहित कर रहा है जो उन्हें अग्रेषित किए गए हैं।सभी चित्र जो उन्हें अग्रेषित किए गए हैं, आवश्यक है की उनका स्त्रोत विश्वसनीय हो अन्यथा वे सभी झूठी खबरों की श्रेणी में आयेंगे।व्हाट्सएप के द्वारा अभी एक अभियान चलाया जा रहा है – "खुशियाँ फैलाएं, अफवाह नहीं" जो बेहद लोकप्रिय हो गया है। व्हाट्सएप ने ग्रुप सम्बन्धी भी कई फीचर जोड़ें हैं जिसमे निजता सेटिंग्स व् एडमिन कण्ट्रोल शामिल है ताकि ग्रुप में झूठी खबरों को रोका जा सके।

व्हाट्सएप प्रतिबन्ध:

व्हाट्सएप पर किसी व्यक्ति द्वारा 5 से अधिक ग्रुप में सन्देश अग्रेषित करना अब प्रतिबंधित है।व्हाट्सएप उन कंपनियों में से एक है जहां कोडर्स ने अभिप्रायपूर्वक सन्देश अग्रेषित करना प्रतिबंधित किया है। इस नए अपडेट से ग्रुप में अधिक सन्देश अग्रेषित करने में कमी आई है जिससे अंततः झूठी खबरों का प्रसार सिमित हो पाया है। व्हाट्सएप ने स्थानीय टीम का भी विकास किया है ताकि सरकार व् समाज के सहयोग से सुनिश्चित किया जा सके की लोगों द्वारा किसी प्रकार की झूठी खबरों का प्रसार न हो। झूठी खबरें कुछ क्षेत्रों में दंगे फ़ैलाने के कारणों में से एक हो सकती है।

फेसबुक भी प्लेटफार्म को झूठी खबरों से मुक्त करने के लिए अथक परिश्रम करता रहा है। फेसबुक उन प्रोफाइल्स को भी हटा रहा है जिसके द्वारा सामान्यतः विभिन्न राजनैतिक विचारों के माध्यम से मतदाताओं के मानसिक परिवर्तन के उद्देश्य से पोस्ट किये जाते थे। फेसबुक ने विश्वास दिलाया है की अब उनकी कार्यशैली बेहद पारदर्शी होगी और वे सुनिश्चित करेंगे की लोगों को यह जानकारी हो। पारदर्शिता एक ऐसा कोहिनूर है जिसकी प्राप्ति के लिए फेसबुक एक अरसे से कोशिश करता रहा है।

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