सोशल मीडिया अब हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा !

सोशल मीडिया अब हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा !

पिछले कुछ दिनों से हम यह देखते आ रहे है कि, अफवाएं फैलाने की मात्रा और गति दोनों भी काफी तेज हो चुके है, जिसका मुख्य कारण सोशल मीडिया को माना जाता है। सोशल मीडिया अब हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है, जहाँ पर हम काफी आसानी से और खुलकर अपने विचारों को दुनिया के सामने रख सकते है। लेकिन कुछ लोग अपने स्वार्थ के लिए इनका गलत इस्तेमाल भी कर रहे है।

फेसबुक और ट्वीटर जैसे सोशल मीडिया पर अफवाएं तथा गलत जानकारी का प्रचार कर समाज के मन में नफरत पैदा की जा रही है। दंगल के ऐसे कई उदाहरण है, जो सिर्फ ऐसी अफवाओं के कारण पैदा होती है। इसी कारण इन अफवाओं को घातक माना जाता है।समाज का एक नागरिक होने के कारण हमारी यह जिम्मेदारी है कि, हम ऐसी अफवाएं न फैलाए और समाज का रक्षण करें।

अब तक क्या प्रगति हुई है।

अफवाओं को गलत तरीकेसे फैलते हुए रोकना कोई आसान काम नही है, लेकिन हम चुप बैठकर समस्याओं का समाधान नही कर सकते है। विशेष रूप से सोशल मीडिया द्वारा फैलाई जाने वाली अफवाओं को रोकने के लिए उचित कदम उठाने की आवश्यकता है। समस्या चाहे कितनी भी बड़ी क्यों न हो, हमें हार नही माननी चाइए।

इन समस्याओं का समाधान करने के लिए फेसबुक द्वारा कुछ उचित कदम उठाए गए है। उन्हें सहायता करना हमारी जिम्मेदारी है और इसमें हम सबकी भलाई ही है। फेसबुक द्वारा एक ऐसी प्रणाली का आयोजन किया गया, जिसकी वजह से अफवाह फैलाने वाली व्यक्ति के घर का पता चल सकता है। साथ ही अफवाएं फैलाने के लिए जिन छायाचित्रों का इस्तेमाल किया जाता है, वह सत्य घटना को दर्शाती है या नही, इसका भी पता चल जाता है।

समाज में दो तरह के लोग रहते है, जिनमें कई लोग ऐसी अफवाएं पढ़कर उनपर ध्यान नही देते है और कुछ लोग जान बूझकर अपने स्वार्थ के लिए अफवाओं का प्रचार करते रहते है। फेसबुक द्वारा कुछ ऐसी टिपणियां दी गई है, जिसे सामान्य तौर पर अफवाओं का प्रचार करने से रोका जा सकता है।

टिपण्णीया आपको अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है, साथ ही रोज की ताजा खबरों पर भी ध्यान रखें। ऐसी किसी भी खबर पर आसानी से विश्वास न रखे, जो अविश्वसनीय हो सकती है।

ताजा खबरों पर भी विश्वास रखने से पहले, वह किसी नामी समाचार माध्यम तथा वेबसाइट द्वारा प्रचारित हुई है या नही, इसकी जाँच करें।

कभी कभीसोशल मीडिया पर फैली हुई अफवाओं की लिखाई में भी आपको गलतियां मिल सकती हैं।

जिस वेबसाइट द्वारा आप खबर पढ़ रहे है, उस वेबसाइट की जांच करें।

समाज माध्यमों द्वारा फैलाए हुए वीडियो और छायाचित्र जो किसीकी भावनाओं को ठेच पहुँचा सकते है, उन्हें दूसरों के साथ न बाटे।

हमारी सहायता के अलावा सोशल मीडिया अकेले कुछ नही कर सकता है। अगर सोशल मीडिया ऐसी अफवाओं पर रोक लगाने के लिए आगे बढ़ रहा है, तो हमे भी अपना फर्ज निभाना चाहिए।

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