

इटानगर: एक्सरसाइज पूर्वी प्रचंड प्रहार ने भारतीय सशस्त्र बलों की सटीक तैनाती, तेज़ शक्ति प्रक्षेपण और पूर्वी हिमालय की चुनौतीपूर्ण भू-भाग में युद्ध तैयारी की क्षमता को प्रदर्शित किया है। चल रहे त्रि-सेवा अभ्यास ने सेना, नौसेना और वायु सेना के बीच निर्बाध अन्तरसंचालन को उजागर किया, जो संयुक्त ऑपरेशनों और मिशन तैयारियों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को पुनः पुष्टि करता है। अभ्यास का केंद्र इस सिद्धांत पर था कि सही समय और स्थान पर सही बल तैनात किया जाए, जो उच्च-ऊंचाई वाले परिस्थितियों में त्वरित मोबलाइजेशन और समन्वित प्रतिक्रिया को सत्यापित करता है। सैनिकों ने खुरदरे पहाड़ों और नदी पार करने के मार्गों पर समन्वित अभियानों को अंजाम दिया, जिसमें सूक्ष्म योजना, सटीक निष्पादन और बदलती युद्धभूमि परिस्थितियों के प्रति अनुकूलन क्षमता को प्रदर्शित किया गया।
मुख्य आकर्षणों में संशोधित रणनीतियों, तकनीकों और प्रक्रियाओं (टीटीपीएस ) का सत्यापन, मानव रहित प्रणालियों और सेना हवाई संपत्तियों का एकीकृत उपयोग, और वास्तविक समय, बहु-क्षेत्र संचालन की नकल के लिए नेटवर्केड कमांड और नियंत्रण प्रणालियों का उपयोग शामिल था। अभ्यास पूर्वी प्रचंड प्रहार ने सशस्त्र बलों के त्रि-सेवा एकीकरण, संयुक्त लॉजिस्टिक्स और संचालनात्मक समन्वय पर जोर को दोहराया ताकि दूरदराज के इलाके में दक्षता बनी रहे। इस अभ्यास को भारत के बदलते युद्धक रणनीति दृष्टिकोण का प्रतीक माना गया, जिसमें प्रौद्योगिकी, समन्वय और गति मिलकर कई क्षेत्रों में निर्णायक परिणाम सुनिश्चित करते हैं, जैसा कि एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया।