

हमारे संवाददाता ने बताया है
ईटानगर: एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि सशस्त्र बलों की तीनों अंगों के बीच युद्ध क्षमता, तकनीकी अनुकूलन और परिचालन तालमेल को एकीकृत करने के लिए तीनों सेनाओं का अभ्यास इस महीने अरुणाचल प्रदेश के मेचुका के ऊबड़-खाबड़ पहाड़ों में आयोजित किया जाएगा।
रक्षा जनसंपर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र रावत ने शनिवार शाम को एक बयान में कहा कि एक दूरदर्शी पहल के रूप में परिकल्पित 'पूर्वी प्रचंड प्रहार' अभ्यास भूमि, वायु और समुद्री मोर्चों पर बहु-डोमेन एकीकरण को मान्य करेगा, जो भविष्य के संघर्षों के लिए भारतीय सशस्त्र बलों की बढ़ती तैयारी को दर्शाता है। इस अभ्यास का उद्देश्य संयुक्त मिशन निष्पादन के लिए इंटरऑपरेबिलिटी को परिष्कृत करना, स्थितिजन्य जागरूकता बढ़ाना और कमांड और नियंत्रण संरचनाओं को मान्य करना है।
अधिकारी ने कहा कि अभ्यास का मुख्य आकर्षण विशेष बलों, मानव रहित प्लेटफार्मों, सटीक प्रणालियों और वास्तविक ऊंचाई वाली परिस्थितियों में एक साथ काम करने वाले नेटवर्क संचालन केंद्रों का समन्वित रोजगार होगा।
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