जनिया विधानसभा सीट पर उपचुनाव में कांग्रेस को झटका देने की तैयारी में भाजपा

जनिया। लोकसभा चुनाव में परचम लहराने के बाद भाजपा अब असम में अपनी गतिविधियां और भी तेज कर रही है। इसका विशेष कारण है, असम की जनिया विधानसभा क्षेत्र में हो रहे उपचुनाव। जनिया विधानसभा मुस्लिम बहुल सीट है। बिजेपी उपचुनाव में विजय हासिल करने के लिए नए प्लान पर काम कर रही है। इसके तहत बिजेपी का अल्पसंख्यक मोर्चा जनिया विधानसभा क्षेत्र में ज्यादा काम करेगा और लोगों तक पहुंचेगा। इस बाबत प्रदेश संगठन की ओर से अल्पसंख्यक मोर्चा को कहा गया है। इस सिलसिले में अल्पसंख्यक मोर्चा अगले कुछ दिनों में वहां एक जनसम्मेलन आयोजित करने वाला है। जानिया विधानसभा सीट को कांग्रेस की पारंपरिक सीट माना जाता रहा है। इस सीट पर कांग्रेस जीतती रही है। 2016 में कांग्रेस के अब्दुल खालेक ने जीत हासिल की थी। खालेक के बरपेटा से लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पंहुचने के बाद यह सीट खाली हुई है। प्रदेश भाजपा मोदी मैजिक के सहारे इस सीट को अपने नाम करने की फिराक में है।
बिजेपी ने जीत दर्ज करने के लिए रोड मैप तैयार कर लिया है। भाजपा एक जिताऊ प्रत्याशी की तलाश में है। साथ ही अल्पसंख्यक वोट साधने के लिए भाजपा का अल्पसंख्यक मोर्चा सक्रिय हो गया है। सीट के राजनीतिक इतिहास की बात करे तो यह सीट कांग्रेस का गढ़ रही है। 2011 के चुनाव में परिणाम उलट रहे और एआईयूडीएफ ने सीट पर कब्जा जमा लिया। 2016 के चुनाव में कांग्रेस के अब्दुल खालेक ने जीत हासिल कर फिर यह सीट कांग्रेस के खाते में डाल दी। खालेक इस सीट से 2006 में भी विजयी रहे थे। 2016 में खालेक के सामने खडे भाजपा उम्मीदवार को बनाजीर अरफान का मात्र 6067 वोट यानी 3.93 फीसदी वोट मिले थे। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रंजीत कुमार दास का कहना है कि 4 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव होने है। इनमें से 3 पर भाजपा के ही एमएलए थे। इन सीटों पर तो भाजपा उम्मीदवार उतारेगी ही लेकिन उनका मुख्य फोकस जनिया पर होगा। पाटी को मोदी मैजिक चलने की पूरी आशा है!
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