पनबिजली परियोजनाओं की प्रगति का कॉनराड संगमा ने लिया जायजा

पनबिजली परियोजनाओं की प्रगति का कॉनराड संगमा ने लिया जायजा
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शिलांग। मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने राज्य में गानोल जल विद्धुत परियोजना की प्रगति का जायजा लिया। संगमा के साथ सलाहकार और विधायक थॉमस संगमा, सेलसेला विधायक फेरलेने ऐ संगमा और ऊर्जा विभाग के कई अधिकारी मौजूद रहे। इस 22.5 मेगावाट परियोजना की शुरुआत 2014 में हुई थी। परियोजना के पूरा होने से बिजली की कमी से जूझ रहे राज्य को बड़ी राहत मिलेगी। यह परियोजना पूर्णतया केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित हैं, जिसकी अनुमानित लागत 41 करोड़ रूपए है। परियोजना के क्रियावन्यन में हो रही देरी के कारणों का उल्लेख करते मुख्यमंत्री ने बताया कि समय सीमा और वित्तीय बाध्यताएं मुख्य रुकावटें रही हैं। उन्होंने आगे बताया कि पिछले एक साल में इस परियोजना से संबंध में कई आवश्यक कदम लिए गए हैं और परियोजना के मार्ग में आ रही समस्याओं को दूर कर दिया गया हैं। मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने उम्मीद जतायी कि अगले साल के अंत तक यह परियोजना पूरी हो जाएगी। मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा और उनकी टीम तुरा के बाहर एक गांव में जनजाति अनुसंधान संस्थान (टीआरआई) को भी देखने गई। इस जगह राज्य सरकार ने मेघालय जनजाति विश्वविद्यालय खोलने के एक प्रस्ताव को स्वीकृति दी हैं। राज्य में विकास की कई बड़ी परियोजनाएं समय सीमा से बहुत पीछे चल रही हैं जिनमें बिजली की परियोजनाएं प्रमुख हैं। इसके अलावा राज्य में खदान और खनन से संबन्धित कई परियोजनाएं भी या तो सुस्त पड़ी हैं। राज्य में खदान और खनन के कई मामले सर्वोच्च न्यायालय में फैसले के इंतेजार में पड़े हैं और कई मामले केन्द्रीय मंत्रालयों की स्वीकृतियों की बांट जोह रहे हैं। इसके अलावा मेघालय की कोयला खदाने दुर्घटनाओं के लिए भी देशभर में बदनाम हैं। गर्मियों में राज्य के उत्तरी हिस्सों में पीने के पानी की बड़ी समस्या हो जाती है। राज्य की दुर्गम पहाड़ी इलाकों में परिवहन की समस्या भी एक बहुत बड़ी समस्या हैं। भूस्खलन और बारिश की वजह से सड़के जल्दी खराब हो जाती हैं।

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