बांग्लादेश से कोई बड़ी घुसपैठ नहीं, त्रिपुरा में निकासी : मुख्यमंत्री माणिक साहा

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने कहा कि इस समय राज्य में बांग्लादेश से कोई बड़ी घुसपैठ नहीं हो रही है, लेकिन अब भारतीय पक्ष से निकासी हो रही है।
बांग्लादेश से कोई बड़ी घुसपैठ नहीं, त्रिपुरा में निकासी : मुख्यमंत्री माणिक साहा
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अगरतला: त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने कहा है कि वर्तमान में राज्य में बांग्लादेश से कोई बड़ी घुसपैठ नहीं हो रही है, लेकिन अब भारतीय पक्ष से बाहर निकलने की घटनाएँ हो रही हैं। त्रिपुरा की बांग्लादेश के साथ 856 किमी लंबी सीमा है और यह तीन तरफ से पड़ोसी देश से घिरा हुआ है, जिससे यह तस्करी और अन्य सीमा पार अपराधों के लिए अत्यधिक संवेदनशील बन जाता है। मुख्यमंत्री साहा ने कहा कि जहाँ पहले घुसपैठ एक बड़ा मुद्दा था, अब स्थिति उलट गई है।

‘‘सीमा के पार से कोई घुसपैठ नहीं हो रही है। त्रिपुरा अब निकासी का अनुभव कर रहा है। बीएसएफ ने बीजीबी (बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश) और संबंधित अधिकारियों के साथ परामर्श करने के बाद कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करते हुए घुसपैठियों को उनके देश वापस भेज दिया है,’’ मुख्यमंत्री ने सोमवार रात मीडिया को बताया, बीएसएफ के डायमंड जुबली राइजिंग डे में शामिल होने के बाद। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने घुसपैठ के खिलाफ दृढ़ रुख अपनाया है, और यह भी जोड़ा कि त्रिपुरा में अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा करना इसके भौगोलिक स्थान, कठिन भौगोलिक स्थिति और अन्य कारकों के कारण लगातार चुनौतीपूर्ण है।

‘‘सीमाओं पर कुछ ऐसे इलाके हैं जो अभी तक बाड़ेबंदी नहीं किए गए हैं; बीएसएफ इन स्थानों पर अतिरिक्त सतर्क बनी रहती है। बीएसएफ अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा में सराहनीय काम कर रही है,’’ कहा मुख्यमंत्री साहा ने, जो गृह विभाग का भी प्रभार संभालते हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि बीएसएफ, राज्य सुरक्षा बलों और राज्य सरकार के समन्वय में, सीमा की सुरक्षा के लिए समय-समय पर सभी आवश्यक कदम उठा रही है। बीएसएफ के एक अधिकारी के अनुसार, वर्तमान वर्ष (2025) के दौरान, बल ने अलग-अलग अभियानों के दौरान 57 रोहिंग्या अवैध प्रवासियों (आरआईएमस), 628 बांग्लादेशी नागरिकों और 280 भारतीय नागरिकों को गिरफ्तार किया।

बीएसएफ ने वर्ष (2025) के दौरान 51.65 करोड़ रुपये मूल्य की विभिन्न दवाओं और तस्करी की वस्तुओं को भी जब्त किया। एक अधिकारी ने कहा कि बीएसएफ, त्रिपुरा पुलिस और राज्य व केंद्रीय एजेंसियों के बीच उत्कृष्ट समन्वय और सहयोग के कारण कई संयुक्त अभियानों को अंजाम दिया गया, जिसके परिणामस्वरूप सीमा पार अपराधों में भारी कमी आई और 2025 में लगभग 31.23 लाख गांजा के पौधों को नष्ट किया गया, जो त्रिपुरा में 452.47 एकड़ क्षेत्र में अवैध रूप से उगाए गए थे, उन्हें उखाड़कर और जला कर नष्ट किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि द्विपक्षीय सहयोग को नियमित क्षेत्र कमांडर-स्तर, बटालियन-स्तर, कंपनी-स्तर और सीमा चौकी (बीओपी)-स्तर बैठकों और बीजीबी समकक्षों के साथ सीमा संपर्कों के माध्यम से मजबूत किया गया है ताकि प्रमुख मुद्दों का समाधान किया जा सके और दोनों सीमा सुरक्षा बलों के बीच समन्वय बढ़ाया जा सके। (आईएएनएस)

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