

नई दिल्ली: उत्तरी गोवा के अरपोरा में एक प्रसिद्ध नाइटलाइफ़ स्थल पर शनिवार देर रात लगी भीषण आग में कम से कम 23 लोगों की जान चली गई, जो इस तटीय राज्य में हाल के वर्षों में हुई सबसे घातक घटनाओं में से एक है।
आग आधी रात के आसपास बिर्च बाय रोमियो लेन में लगी, जो कि चहल-पहल वाले बागा इलाके में स्थित एक क्लब है। गोवा के सबसे ज़्यादा भीड़-भाड़ वाले समुद्र तटों में से एक के नज़दीक होने के कारण यहाँ बड़ी संख्या में लोग आते हैं।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, आग परिसर के अंदर एक सिलेंडर विस्फोट के कारण लगी होगी।
ऐसा माना जा रहा है कि अचानक हुए विस्फोट के कारण अंदर मौजूद लोगों, जिनमें से कई कर्मचारी थे, को बाहर निकलने का ज़्यादा समय नहीं मिला।
कई स्टेशनों से दमकल गाड़ियों को तुरंत तैनात किया गया और रविवार तड़के तक दमकलकर्मी आग पर काबू पाने में जुटे रहे। बचाव दल भोर तक अपने प्रयास जारी रखे, जीवित बचे लोगों की तलाश में मलबे की छानबीन करते रहे और बचे हुए स्थानों पर आग पर काबू पाने की कोशिश करते रहे।
अधिकारियों ने पुष्टि की है कि मृतकों में से एक बड़ी संख्या घटना के समय क्लब में काम करने वाले कर्मचारियों की थी। आग लगने की सूचना मिलने के तुरंत बाद, पुलिस महानिदेशक और उत्तरी गोवा जिले की टीमों सहित वरिष्ठ अधिकारी बचाव और राहत कार्यों में समन्वय के लिए घटनास्थल पर पहुँच गए।
गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने इस त्रासदी पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने X पर पोस्ट करते हुए लिखा, "आज गोवा में हम सभी के लिए बहुत ही दुखद दिन है। अरपोरा में हुई भीषण आग की घटना में 23 लोगों की जान चली गई है। मैं बहुत दुखी हूँ और इस अकल्पनीय क्षति की घड़ी में सभी शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूँ।"
सावंत ने कहा, "मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपये की अनुग्रह राशि और घायलों के लिए 50,000 रुपये एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) कोष से स्वीकृत किए जाएंगे। सरकार मृतकों को उनके घरों तक पँहुचाने के लिए पूरी सहायता प्रदान करेगी। इसके लिए एसडीएम, पुलिस और स्वास्थ्य अधिकारियों की एक समर्पित टीम गठित की गई है। मैंने मुख्य सचिव और डीजीपी को अनुशासनात्मक कारवाई करने का भी निर्देश दिया है।"
सावंत ने कहा, "मैंने आज मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, पुलिस महानिरीक्षक, सचिव, राजस्व कलेक्टर और उत्तर पुलिस अधीक्षक सहित अपने संबंधित अधिकारियों के साथ एक तत्काल और उच्च-स्तरीय बैठक बुलाई है। मैंने घटना के कारणों पर चर्चा की है और विस्तृत चर्चा के बाद, मैंने ज़िला मजिस्ट्रेट, दक्षिण पुलिस अधीक्षक, अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवाओं के उप निदेशक और फोरेंसिक निदेशक की एक समिति के माध्यम से प्रक्रियागत खामियों के बारे में मजिस्ट्रियल जाँच कराने और एक सप्ताह के भीतर सरकार को रिपोर्ट सौंपने का निर्णय लिया है। डीजीपी ने क्लब के मालिक, प्रबंधक और अनुमति जारी करने वालों सहित दोषियों के खिलाफ सख्त दंडात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।"
क्लब के प्रबंधक को गिरफ्तार कर लिया गया है। (एजेंसियाँ)
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