गुवाहाटी: राज्य पुलिस जवाबदेही आयोग ने 2021 में पुलिस कर्मियों के खिलाफ 2020 में 230 ऐसे मामलों के खिलाफ 240 मामले दर्ज किए है।
यह विकास तब हुआ है जब लोगों के अनुकूल पुलिसिंग जोर पकड़ रही है।
सूत्रों के मुताबिक, पुलिस कर्मियों के खिलाफ ज्यादातर शिकायतें गंभीर कदाचार के खिलाफ हैं। गंभीर कदाचार में हिरासत में मौत, गंभीर रूप से घायल करना, छेड़छाड़, बलात्कार, बलात्कार का प्रयास, कानून की उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना गिरफ्तारी या हिरासत में लेना, ब्लैकमेल करना, पैसे की मांग करना, प्राथमिकी दर्ज न करना, लोगों को संपत्ति रखने या रखने से जबरन वंचित करना आदि शामिल हैं।
पुलिस कर्मियों के दुर्व्यवहार में उत्पीड़न, अत्याचार, शक्ति का दुरुपयोग, निष्पक्ष जांच आदि शामिल हैं।
पुलिस जवाबदेही आयोग ने हाल ही में नगांव में पुलिस फायरिंग में छात्र नेता कीर्ति कमल बोरा को हुई चोट के खिलाफ स्वत: संज्ञान मामला (18/22) दर्ज किया। पुलिस जवाबदेही आयोग ने इस बाबत डीजीपी और नगांव एसपी को नोटिस भेजा है।
पुलिस जवाबदेही आयोग के स्थायी कार्यालय भवन के निर्माण के अलावा जिला स्तरीय पुलिस जवाबदेही प्राधिकरण बनाने के लिए सरकार को सुझाव देता रहा है। 2008 में अपनी स्थापना के बाद से, राज्य पुलिस जवाबदेही आयोग गुवाहाटी में एक किराए के भवन से काम कर रहा है।
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने हाल ही में कहा था कि राज्य सरकार जिला स्तरीय पुलिस जवाबदेही आयोग बनाएगी।
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