सेना के काफिले पर घात लगाकर हमला; डिगबोई-पंगेरी रोड़ में कोई हताहत नहीं

अपर दिहिंग रिजर्व के अंदर डिगबोई-पंगेरी रोड़ पर आज सुबह संदिग्ध उल्फा (आई) आतंकवादियों ने सेना के काफिले पर घात लगाकर हमला किया।
सेना के काफिले पर घात लगाकर हमला; डिगबोई-पंगेरी रोड़ में कोई हताहत नहीं

संवाददाता

डिब्रूगढ़/तिनसुकिया: अपर दिहिंग रिजर्व के अंदर डिगबोई-पंगेरी रोड़ पर आज सुबह संदिग्ध उल्फा (आई) आतंकवादियों ने सेना के काफिले पर घात लगाकर हमला किया।

आतंकियों ने सेना के वाहन को निशाना बनाकर आईईडी ब्लास्ट किया। धमाका इतना जोरदार था कि न सिर्फ बख्तरबंद वाहन का पिछला पहिया फट गया, बल्कि सड़क पर बड़ा गड्ढा भी बन गया। आतंकवादियों ने एक साथ गोलियां चलाईं, जिसका सेना ने जवाबी कार्रवाई की जिसके बाद एक भारी मुठभेड़ हुई। राहगीरों के मुताबिक घटना सुबह करीब 9.20 बजे फेज डुलोंग पुल के पास हुई। घटना के तुरंत बाद, 5 सदस्यीय उग्रवादी दल घने जंगल में भाग गया।

हालांकि सेना की ओर से कोई चोट नहीं आई, सुरक्षा बलों को ट्रैक पर खून के धब्बे मिले, जो एक घायल आतंकवादी के होने का संदेह है। डीआईजी (पूर्वोत्तर रेंज) जीतमोल डोले और तिनसुकिया के पुलिस अधीक्षक अभिजीत गुरव सहित सेना और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी तुरंत भारी फोर्स के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। सड़क समेत पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी गई और विद्रोहियों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया। खोजी कुत्तों को सेवा में लगाया गया।

तिनसुकिया के एसपी अभिजीत गुरव ने कहा, "उल्फा (आई) के विद्रोहियों ने डिगबोई-पंगेरी रोड़ के साथ घने जंगलों को कवर करते हुए सेना के बुलेट प्रूफ वाहन पर गोलीबारी की। सेना ने भी जवाबी हमला किया और उन्हें भागने पर मजबूर कर दिया। हमारा तलाशी अभियान जारी है।"

19 नवंबर, 2016 को उल्फा (आई) ने डिगबोई-पंगेरी रोड पर इसी इलाके में इसी तरह का हमला किया था, जिसमें कुमाऊं रेजीमेंट के तीन जवान शहीद हो गए थे, जबकि चार अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए थे। सूत्रों ने कहा कि विद्रोही संगठन असम-अरुणाचल सीमा पर तनाव का माहौल बनाने की कोशिश कर रहा है।

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