
स्टाफ रिपोर्टर
गुवाहाटी: इस साल अगस्त में असम में देश में सबसे कम मुद्रास्फीति दर दर्ज की गई। राज्य में मुद्रास्फीति दर 0.66 प्रतिशत रही, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह 1.69 प्रतिशत रही।
राज्य में मुद्रास्फीति दर धीरे-धीरे कम हो रही है। नवंबर 2021 में राज्य में मुद्रास्फीति दर 8.3 प्रतिशत थी, जो जुलाई 2023 में घटकर 3.91 प्रतिशत और अगस्त 2025 में 0.66 प्रतिशत हो गई।
मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, "असम मूल्य स्थिरता और जन कल्याण के लिए एक राष्ट्रीय मॉडल के रूप में उभर रहा है। इसका श्रेय राजकोषीय अनुशासन और लक्ष्य-आधारित शासन को जाता है। एक स्थिर आर्थिक वातावरण हमारी दोहरी इंजन वाली सरकार के एजेंडे की आधारशिला है, जहाँ मुद्रास्फीति शासन के आगे झुकती है।"
सूत्रों के अनुसार, मुद्रास्फीति कई कारकों पर निर्भर करती है। माँग-आकर्षित कारक: यह तब होता है जब कम वस्तुओं और सेवाओं के लिए अधिक धन की आवश्यकता होती है, जिससे कुल माँग में वृद्धि होती है। लागत-आकर्षित कारक: यह तब होता है जब वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन की लागत बढ़ जाती है, जिससे व्यवसायों को लाभप्रदता बनाए रखने के लिए कीमतें बढ़ाने के लिए मजबूर होना पड़ता है।
आपूर्ति-पक्ष की बाधाएँ: कृषि क्षेत्र में अकुशलताएँ और अपर्याप्त बुनियादी ढाँचा वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति को सीमित कर सकता है, जिससे कीमतों में वृद्धि हो सकती है।
मौद्रिक और राजकोषीय नीतियाँ: सरकार और बैंकिंग क्षेत्र की मौद्रिक और राजकोषीय नीतियाँ मुद्रास्फीति को प्रभावित कर सकती हैं।
बाहरी कारक: वैश्विक बाजार में उथल-पुथल और तेल जैसी आयातित वस्तुओं की कीमतें भी घरेलू मुद्रास्फीति को प्रभावित कर सकती हैं।
सूत्रों के अनुसार, असम में मज़बूत राजकोषीय प्रबंधन है, साथ ही मुद्रास्फीति पर नियंत्रण के लिए एक सख्त निगरानी तंत्र भी है। सरकार द्वारा शुरू की गई कल्याणकारी योजनाओं ने भी राज्य में मुद्रास्फीति दर को नियंत्रित करने में मदद की है।
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