हथिनी जॉयमाला की हिरासत के लिए असम ने अपनाया अदालत का रुख

जॉयमाला, एक हाथी जिसे कथित तौर पर तमिलनाडु के एक मंदिर में प्रताड़ित किया गया था
हथिनी जॉयमाला की हिरासत के लिए असम ने अपनाया  अदालत का रुख

गुवाहाटी: तमिलनाडु के एक मंदिर में कथित तौर पर प्रताड़ित एक हथिनी जोयमाला असम और तमिलनाडु सरकारों के बीच विवाद का विषय बन गया है | हथिनी जॉयमाला की कस्टडी के लिए असम सरकार ने अब गुवाहाटी हाई कोर्ट का रुख किया है।

यह आरोप लगाया गया है कि हथिनी जॉयमाला को श्रीविल्लीपुथुर नचियार थिरुकोविल मंदिर में एक दशक से अधिक समय से रखा गया है और जानवर को वहां यातना का सामना करना पड़ रहा है। इस संबंध में कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर कई वीडियो सामने आए थे। पीपुल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (पेटा) इंडिया ने राज्य सरकारों से हथिनी की भलाई की जांच करने का आग्रह किया था।

इसके तुरंत बाद, असम सरकार ने जॉयमाला को वापस लाने के लिए चार सदस्यीय टीम तमिलनाडु भेजी। लेकिन आरोप लगाया गया है कि तमिलनाडु सरकार ने टीम को हथिनी को देखने तक की इजाजत नहीं दी |

हालांकि, चार सदस्यीय टीम के अधिकारी अभी भी चेन्नई में हैं और हथिनी जॉयमाला से मिलने की कोशिश कर रहे हैं। टीम के एक अधिकारी ने बताया कि मामले को गुवाहाटी उच्च न्यायालय में ले जाया गया है और सभी विवरणों को बताते हुए एक रिपोर्ट अदालत को भेज दी गई है। सूत्रों के अनुसार, तमिलनाडु सरकार भी हथिनी जॉयमाला की हिरासत के लिए असम के अधिकारियों के साथ चर्चा के लिए सहमत नहीं हुई। 

अधिकारी ने कहा, "यह मुश्किल हो रहा है क्योंकि तमिलनाडु सरकार असम के किसी को हथिनी जोयमाला से नहीं मिलने देने पर अड़ी है।" (आईएएनएस)

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