असम: एनआरएल और बीएसएनएल ने उद्योग 4.0 अपनाने पर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

नुमलीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड (एनआरएल) और भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) ने “सीपीएसई के लिए उद्योग 4.0 कार्यशाला” के दौरान एक ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।
असम: एनआरएल और बीएसएनएल ने उद्योग 4.0 अपनाने पर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए
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गुवाहाटी: रिफाइनरी क्षेत्र में डिजिटल परिवर्तन और औद्योगिक आधुनिकीकरण को गति देने की दिशा में एक बड़े कदम के रूप में, नुमलीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड (एनआरएल) और भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) ने आज यहां वित्त मंत्रालय के तत्वावधान में आयोजित "सीपीएसई के लिए उद्योग 4.0 कार्यशाला" के दौरान एक ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।

कार्यशाला के दौरान केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) को परिवर्तनकारी उद्योग 4.0 प्रौद्योगिकियों को अपनाने के लिए सशक्त बनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिसमें 5जी सीएनपीएन, डिजिटल ट्विन्स, एआई के साथ 3डी प्रिंटिंग, वर्चुअल फॉर्मूलेशन, एआर/वीआर/एमआर, आईओटी और बिग डेटा एनालिटिक्स शामिल हैं, ताकि नवाचार, दक्षता और आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा दिया जा सके।

इस समझौता ज्ञापन के तहत, बीएसएनएल और एनआरएल रिफाइनरी क्षेत्र में भारत का पहला 5G सीएनपीएन (कैप्टिव नॉन-पब्लिक नेटवर्क) स्थापित करने के लिए सहयोग करेंगे, जिससे सुरक्षित, अति-विश्वसनीय और रीयल-टाइम औद्योगिक कनेक्टिविटी का एक नया युग शुरू होगा। यह पहल मिशन-क्रिटिकल संचालन के लिए स्वदेशी 5G बुनियादी ढाँचे का लाभ उठाने की दिशा में एक अग्रणी कदम है।

कार्यशाला में कई वरिष्ठ गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया, जिनमें लोक उद्यम विभाग (डीपीई) के सचिव, एनआरएल के सीएमडी, बीएसएनएल के निदेशक (उद्यम व्यवसाय), एनआरएल के एमडी, एमट्रॉन के एमडी, और वित्त मंत्रालय तथा विभिन्न सीपीएसई के अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।

डीपीई सचिव ने इस पहल की सराहना करते हुए इसे सरकार के "संपूर्ण सरकार" (डब्ल्यूओजी) दृष्टिकोण का एक उत्कृष्ट उदाहरण बताया और भारत के औद्योगिक आधार को आधुनिक बनाने, उन्नत कौशल को बढ़ावा देने और विशेष रूप से पूर्वोत्तर क्षेत्र में रोज़गार के अवसर पैदा करने की इसकी क्षमता को रेखांकित किया।

एनआरएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक ने कहा कि 5जी सीएनपीएन के एकीकरण से न केवल परिचालन दक्षता और साइबर सुरक्षा में वृद्धि होगी, बल्कि एआर/वीआर-आधारित प्रशिक्षण, डिजिटल ट्विन्स और रीयल-टाइम आईओटी अनुप्रयोगों जैसी परिवर्तनकारी तकनीकों को भी सक्षम बनाया जा सकेगा। उन्होंने इसे भारत के रिफाइनरी क्षेत्र के लिए एक क्रांतिकारी बदलाव बताया। (पीआईबी)

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