संवाददाता
जामुगुरीहाट: मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने ऐतिहासिक सूता पुलिस स्टेशन का दौरा किया, जहां 20 अगस्त 1942 को यूनियन जैक को नीचे करके भारत में पहली बार तिरंगा फहराया गया था। सूता विधायक पद्मा हजारिका ने राज्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान सूता दिवस को मान्यता देने के लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा था। प्रस्ताव का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि राज्य सरकार ने सूता क्षेत्र के स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को स्वीकार किया है और घोषणा की है कि अगले वर्ष से राज्य सरकार सूता दिवस मनाएगी। मुख्यमंत्री ने सूता हेरिटेज पुलिस स्टेशन का दौरा किया, जहां सूता क्षेत्र के संगठनों और व्यक्तियों ने मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया।
इस संबंध में पुराने पुलिस स्टेशन परिसर में एक सार्वजनिक धन्यवाद और अभिनंदन समारोह का आयोजन किया गया। सूटिया विधायक पद्मा हजारिका ने स्वागत भाषण दिया और सूटिया की आम जनता की ओर से मुख्यमंत्री को ऐतिहासिक पहचान के लिए धन्यवाद दिया। खुले सत्र को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने अपने भाषण की शुरुआत में ही स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि ऐतिहासिक क्षण में भाग लेने वाले स्वतंत्रता सेनानियों की प्रतिमाएं हेरिटेज पुलिस स्टेशन परिसर में स्थापित की जाएंगी। पुराने पुलिस स्टेशन को पर्यटन केंद्र बनाने के लिए काम किया जाएगा। उन्होंने इसके लिए 5 करोड़ रुपये की राशि की घोषणा की और बाद में आवश्यक राशि दी जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार अगले साल से सूतिया दिवस को राज्य सरकार के सांस्कृतिक विभाग के तत्वावधान में सूतिया के आम लोगों के सहयोग से मनाएगी।