असम: तेजपुर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर बरुआ को कृषि इंजीनियरिंग में मिला राष्ट्रीय सम्मान
तेजपुर: असम के तेजपुर विश्वविद्यालय के बहुविषयक अध्ययन संकाय के डीन प्रो. देबेंद्र चंद्र बरुआ को कृषि अभियांत्रिकी के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के सम्मान में भारतीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान (आईएसएई), नई दिल्ली द्वारा आईएसएई फेलोशिप 2025 प्रदान की गई है।
यह प्रतिष्ठित फेलोशिप मध्य प्रदेश सरकार के पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन मंत्री श्री लखन पटेल द्वारा 10 से 12 नवंबर, 2025 तक आईसीएआर-केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान (सीआईएई), भोपाल में आयोजित 59वें आईएसएई वार्षिक सम्मेलन और अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र के दौरान प्रदान की गई।
प्रो. बरुआ ने असम कृषि विश्वविद्यालय और तेजपुर विश्वविद्यालय में अपनी 34 वर्षों की शैक्षणिक सेवा के दौरान कृषि ऊर्जा, मशीनीकरण और ऊर्जा प्रबंधन के शिक्षण, अनुसंधान और विस्तार में उल्लेखनीय योगदान दिया है। एक प्रतिष्ठित शिक्षाविद और नवप्रवर्तक के रूप में, उन्होंने 6,500 से अधिक उद्धरणों, पेटेंट प्राप्त नवाचारों, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और ऊर्जा-आधारित उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के साथ, प्रभावशाली अनुसंधान के माध्यम से कृषि अभियांत्रिकी के क्षेत्र को आगे बढ़ाया है।
बहु-विषयक शोध पत्रिका के डीन एवं प्रधान संपादक, तथा जर्नल ऑफ एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग (भारत) के एसोसिएट एडिटर के रूप में, प्रो. बरुआ ने अनुकरणीय शैक्षणिक नेतृत्व का प्रदर्शन किया है। पूर्वोत्तर भारत में आईएसएई गतिविधियों में उनकी सक्रिय भागीदारी इस क्षेत्र में कृषि इंजीनियरिंग को आगे बढ़ाने के प्रति उनके समर्पण को और भी दर्शाती है।
उनके उल्लेखनीय सम्मानों में आईएसएई कमेंडेशन मेडल, इंडियन डिस्टिंग्विश्ड विजिटिंग फेलोशिप (नॉटिंघम विश्वविद्यालय, यूके) और इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (भारत) द्वारा प्रख्यात इंजीनियरिंग व्यक्तित्व पुरस्कार शामिल हैं।
आईएसएई फेलोशिप 2025, कृषि इंजीनियरिंग के पेशे और अनुशासन में प्रो. बरुआ के महत्वपूर्ण और निरंतर योगदान को मान्यता प्रदान करती है।
यह प्रतिष्ठित राष्ट्रीय फेलोशिप प्राप्त करने वाले राज्य में कार्यरत पहले असम निवासी होने के नाते, प्रो. बरुआ की उपलब्धि इस क्षेत्र के लिए गौरव की बात है। असम का कृषक समुदाय और कृषि क्षेत्र आने वाले दिनों में उनके निरंतर योगदान की आशा करता है।

