
स्टाफ रिपोर्टर
गुवाहाटी: राज्य में विदेशी न्यायाधिकरण (एफटी) के सदस्यों के लंबित वेतन से संबंधित घटनाक्रम में, गुवाहाटी उच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया कि चूंकि गृह मंत्रालय से आवश्यक अनुमोदन प्राप्त हो चुका है तथा व्यय विभाग, वित्त मंत्रालय की सहमति भी मिल चुकी है, इसलिए एक सप्ताह के भीतर एफटी सदस्यों तथा कर्मचारियों को बकाया वेतन के साथ चालू माह का वेतन भुगतान कर दिया जाएगा।
न्यायमूर्ति सुमन श्याम, जिन्होंने एफटी सदस्यों को सुविधाओं के संबंध में एक मामले (डब्ल्यूपी (सी) / 1754/2015) में 27 जून को सुनवाई की थी, को अतिरिक्त महाधिवक्ता डी. मजूमदार द्वारा सूचित किया गया कि चूंकि अब वित्त मंत्रालय की आवश्यक सहमति प्राप्त हो गई है, इसलिए लंबित वेतन का भुगतान उस दिन से एक सप्ताह की अवधि के भीतर एफटी के सदस्यों के साथ-साथ कर्मचारियों को किया जाएगा।
यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि असम सरकार केंद्रीय वित्त मंत्रालय से अपेक्षित अनुमति के बिना एफटी सदस्यों के वेतन का भुगतान नहीं कर सकती थी। डी मजूमदार द्वारा प्रस्तुत किए गए इस आवेदन से एफटी सदस्यों और कर्मचारियों के वेतन के भुगतान का मार्ग प्रशस्त होता है, जो अप्रैल 2025 से लंबित थे।
सुनवाई के दौरान, भारत के उप सॉलिसिटर जनरल, आर. के. डी. चौधरी ने इस न्यायालय द्वारा 24 जून, 2025 को पारित आदेश के संदर्भ में, भारत सरकार के उप सचिव, गृह मंत्रालय द्वारा जारी 26 जून की तारीख वाले संचार की एक प्रति प्रस्तुत की, जिसमें असम में 64 अतिरिक्त विदेशी न्यायाधिकरणों की अवधि के विस्तार के लिए स्वीकृति दी गई थी। ऐसा प्रतीत होता है कि उपरोक्त अभ्यास के अनुसरण में, भारत सरकार के अवर सचिव, गृह मंत्रालय ने विस्तार को मंजूरी देते हुए असम सरकार के मुख्य सचिव को संबोधित करते हुए 27 जून की तारीख वाला एक और संचार जारी किया था।
मजूमदार द्वारा दिए गए आश्वासन पर गौर करते हुए न्यायालय ने यह राय दी कि इस संबंध में इस समय कोई और आदेश पारित करने की आवश्यकता नहीं है, सिवाय इसके कि वर्तमान वेतन के साथ-साथ बकाया वेतन एक सप्ताह के भीतर जारी किया जाए।
मजूमदार ने एफटी के सदस्यों को पत्रिकाएँ उपलब्ध कराने से संबंधित असम सरकार के राजनीतिक (बी) विभाग के संयुक्त सचिव द्वारा जारी 26 जून, 2025 के संचार की एक प्रति भी प्रस्तुत की। उक्त संचार के अवलोकन से संकेत मिलता है कि न्यायालय के निर्देशानुसार विभाग द्वारा पत्रिकाएँ उपलब्ध कराने के लिए कुछ ठोस कदम उठाए गए हैं।
मामले को आगे के आदेशों के लिए 30 जुलाई, 2025 को फिर से सूचीबद्ध किया गया है, जिस तिथि को एक आवश्यक अनुपालन रिपोर्ट रिकॉर्ड में रखी जानी है।
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