
स्टाफ रिपोर्टर
गुवाहाटी: राज्य सरकार का अगला उद्देश्य उल्फा (आई) प्रमुख परेश बरुआ को बातचीत की मेज पर लाना है|
यह बात खुद मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एक चुनावी रैली से इतर मीडिया से बात करते हुए कही| मुख्यमंत्री 7 मई को होने वाले तीसरे और अंतिम चरण के मतदान के लिए भाजपा और गठबंधन पार्टी के उम्मीदवारों के समर्थन में एक चुनावी रैली से दूसरी रैली तक जा रहे हैं।
रविवार को मीडिया से बात करते हुए सीएम ने कहा, ''मेरा अगला लक्ष्य परेश बरुआ को चर्चा के लिए मेज पर लाना है| क्योंकि हमें असम को शांति के मरूद्यान में बदलना है। यह काम अधूरा है और मैं इस मामले को अंजाम तक पहुंचाने की कोशिश करूंगा।
जिस दिन उन्होंने 10 मई, 2021 को असम के मुख्यमंत्री के रूप में पदभार संभाला, उसी दिन हिमंत बिस्वा सरमा ने उल्फा (आई) सुप्रीमो परेश बरुआ के साथ चर्चा करने का इरादा जताया। उन्होंने बरुआ से शांति वार्ता के लिए आगे आने की अपील की थी|
राज्य में चल रहे लोकसभा चुनाव पर बोलते हुए, सीएम ने कहा, “अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को अब एहसास हो गया है कि भाजपा अल्पसंख्यक विरोधी नहीं है। इसीलिए बीजेपी की चुनावी रैलियों में अल्पसंख्यक समुदाय के लोग हिस्सा ले रहे हैं| जो लोग रैलियों में आए, उनमें से हर कोई इस बार हमें वोट नहीं देगा, लेकिन कम से कम 50% बीजेपी को वोट देंगे। साल दर साल अल्पसंख्यक वोट बढ़ते रहेंगे| अल्पसंख्यक हो या बहुसंख्यक, सभी इस बार विकास के लिए वोट कर रहे हैं।”
तीसरे चरण का मतदान 7 मई को होगा और सभी राजनीतिक दल और उनके उम्मीदवार मतदाताओं को लुभाने के लिए पूरी ताकत लगा रहे हैं। मतदान चार संसदीय क्षेत्रों कोकराझार, धुबरी, बारपेटा और गुवाहाटी में होगा।
इस बीच, एपीसीसी अध्यक्ष भूपेन बोरा ने कांग्रेस उम्मीदवार रकीबुल हुसैन के समर्थन में धुबरी संसदीय क्षेत्र में कई चुनावी रैलियों में हिस्सा लिया। भूपेन बोरा के साथ विधायक अखिल गोगोई और एजेपी अध्यक्ष लुरिनज्योति गोगोई भी थे।
दूसरी ओर, एजीपी अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री अतुल बोरा और एक अन्य कैबिनेट मंत्री, जयंत मल्लाबारुआ, बारपेटा संसदीय क्षेत्र के लिए एजीपी उम्मीदवार फणी भूषण चौधरी के समर्थन में कई चुनावी रैलियों में शामिल हुए।
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