Begin typing your search above and press return to search.

असम में अफ्रीकन स्वाइन फीवर फैलने का विशेषज्ञों का डर हुआ दूर

पशु चिकित्सकों का कहना है कि अफ्रीकन स्वाइन फीवर कोई जूनोटिक बीमारी नहीं है (यह जानवरों से इंसानों में नहीं फैलता है)।

असम में अफ्रीकन स्वाइन फीवर फैलने का विशेषज्ञों का डर हुआ दूर

Sentinel Digital DeskBy : Sentinel Digital Desk

  |  15 July 2022 5:22 AM GMT

गुवाहाटी: पशु चिकित्सकों का कहना है कि अफ्रीकन स्वाइन फीवर कोई जूनोटिक बीमारी नहीं है (यह जानवरों से इंसानों में नहीं फैलता है) |

अफ्रीकी स्वाइन फीवर दरांग, उदलगुरी, शिवसागर, तिनसुकिया, डिब्रूगढ़ और ग्वालपारा जिलों में बड़े पैमाने पर हुआ है। इसके होने के लिए बुखार का कोई विशिष्ट मौसम नहीं होता है।इस बुखार के खिलाफ लड़ाई में जागरूकता महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

पशुपालन एवं पशु चिकित्सा विभाग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार 2020 से इस वर्ष 11 जुलाई तक 1,181 सूअरों को मारने के अलावा राज्य में बुखार से 40,159 सूअरों की मौत हुई है |

विभाग ने राज्य के 22 जिलों में अफ्रीकी स्वाइन बुखार के 66 उपरिकेंद्रों की पहचान की है। सूत्रों ने बताया कि इस साल अफ्रीकी स्वाइन फीवर से करीब 400 सुअरों की मौत हो गई है।

सरकार ने अफ्रीकी स्वाइन बुखार के केंद्र के 10 किलोमीटर के दायरे में सूअर के मांस पर प्रतिबंध लगा दिया है।




यह भी पढ़ें:केरल में दर्ज किया गया पहला मंकीपॉक्स का मामला










Next Story
पूर्वोत्तर समाचार